विद्या शर्मा/न्यूज़11 भारत
जादूगोड़ा/डेस्क: यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी)डॉ. संतोष कुमार सतपति पर एक महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए हालिया आरोपों को लेकर यूसील के कई वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों और वैज्ञानिकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इनका कहना है कि एक अधिकारिक तबादले को रोकवाने एक पूर्व नियोजित और दुर्भावनापूर्ण प्रयास रहा. जिसका उद्देश्य एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक और ईमानदार प्रशासक की छवि को धूमिल कर तबादले को रोकना था.जिसमें साजिशकर्ता कामयाब हो गए.
एक ईमानदार अफसर को घेरने की साजिश
जादूगोड़ा : डॉ. संतोष कुमार सतपति उन गिने-चुने अधिकारियों में हैं जिन्होंने न केवल यूसीआईएल की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाई बल्कि वर्षों से जमे बैठे कुछ भ्रष्ट और अयोग्य अधिकारियों के तबादले का भी साहसिक निर्णय लिया. बताया जा रहा है कि उन्हीं में से कुछ अधिकारी, जिनका स्थानांतरण किया गया था, लेकिन अब तक रिलीव नहीं किया गया, इसी मुद्दे को आधार बनाकर डॉ. सत्यार्थी को झूठे आरोपों के जरिए फंसाने का प्रयास कर रहे हैं.
इसरो वैज्ञानिक जैसे मामले की पुनरावृत्ति
जादूगोड़ा : पिछले दिनों इसरो के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक पर भी इसी प्रकार के झूठे आरोप लगाए गए थे, जो बाद में पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुए. आज वही पैटर्न यूसील में दोहराया जा रहा है. दुर्भाग्य की बात है कि ऐसे कृत्य एक राष्ट्र निर्माणकर्ता वर्ग — वैज्ञानिकों और तकनीकी प्रशासकों — का मनोबल गिराने का काम करते हैं.
देश के वैज्ञानिक समुदाय का गौरव हैं डॉ. संतोष कुमार सतपति.
जादूगोड़ा : डॉ. संतोष कुमार सतपति देश के प्रख्यात वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं. उन्होंने यूसीआईएल में कार्यभार संभालने के बाद जिस तरह टेलिंग पॉन्ड के अपशिष्ट से ईंट निर्माण परियोजना को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया, वह डी ए ई प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है. उनका कार्यकाल युवाओं के लिए प्रेरणादायी रहा है और वे कई बार “रोल मॉडल” के रूप में सम्मानित भी किए जा चुके हैं.
महिला सुरक्षा का सदैव रखा ध्यान
जादूगोड़ा : यह भी गौरतलब है कि डॉ. संतोष कुमार सतपति के नेतृत्व में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. उन्होंने संगठन में महिलाओं आंतरिक शिकायत समिति (ICC) को सशक्त और स्वतंत्र बनाया, जिससे कोई भी कर्मचारी बिना भय के अपनी शिकायत दर्ज करा सके.
षड्यंत्र का राजनीतिक और प्रशासनिक एंगल
जादूगोड़ा :सूत्रों का मानना है कि इस पूरे मामले के पीछे कुछ उच्च पदस्थ अधिकारी हैं, जिनके निजी स्वार्थ डॉ. संतोष कुमार सतपति के कठोर एवं निष्पक्ष निर्णयों से प्रभावित हुए हैं. लगभग सभी स्थानांतरित अधिकारी अपने नए पदस्थापन स्थल पर योगदान दे चुके हैं, लेकिन कुछ अधिकारी, जो लंबे समय से एक ही इकाई में जमे हुए हैं और जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें रही हैं, उन्होंने इस तरह का षड्यंत्र रचा है.
निष्पक्ष जांच की मांग
जादूगोड़ा :डॉ. संतोष कुमार सतपति के समर्थन में बड़ी संख्या में यूसीआईएल कर्मचारी, तकनीकी अधिकारी और पूर्व वैज्ञानिक सामने आए हैं. सभी ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो, लेकिन साथ ही आरोप लगाने वाले पक्ष की मंशा और पृष्ठभूमि की भी जांच की जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके और एक राष्ट्रसेवी वैज्ञानिक की प्रतिष्ठा को गलत तरीके से कलंकित न किया जाए.
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