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रांची/डेस्क: दोस्त इंसान के जीवन में बहुत अहम किरदार निभाता है. दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसे हम खुद चुनते हैं. दोस्ती की कोई उम्र नहीं होती है. दरअसल दोस्ती जैसे-जैसे पुराना होता है, वैसै-वैसे जवां होते जाता है. स्कूल हो या ऑफिस, देश हो या विदेश, घर हो या बाहर, हमें हर जगह कोई न कोई ऐसा शख्स मिल ही जाता है जो हमारा हित सोचता है, जिसके साथ हम खुश रहने लगते हैं, एन्जॉय करते हैं, जिससे हम अपनी परेशानियां भी शेयर करते हैं और गॉसिप्स भी करते हैं. ये ही दोस्त कहलाते हैं.
आज 'फ्रेंडशिप डे' यानी 'मित्रता दिवस' है, यह दिवस अगस्त महीने के पहले रविवार को हर साल भारत के अलावे कई देशों में अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है. और इस बार दोस्ती का ये खास दिन 4 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है.
आपको बता दें कि हर साल अगस्त के पहला रविवार को मनाया जाता है. सबसे पहला फ्रेंडशिप डे 1958 में मनाया गया था. आरम्भ में ग्रीटिंग कार्ड के द्वारा इसे काफी प्रमोट किया जाता था. बाद में फ्रेंडशिप बैड का दौर चला. बदलते दौर में इस खास मौके पर अब दोस्त एक- दूसरे को मोबाइल के जरिये स्पेशल मैसेज भेजते हैं. वैसे तो अगर खास दोस्त आपके पास हो तो हर दिन फ्रेंडशिप डे की तरह खास हो जाता है. लेकिन दोस्ती मनाने के लिए यह एक खास दिन होता है. यह पूरा दिन दोस्तों के लिए समर्पित होता है.
इसलिए अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है 'फ्रेंडशिप डे'
फ्रेंडशिप डे को मनाने को लेकर एक दिलचस्प कहानी है. 1935 में अगस्त के पहले रविवार के दिन अमेरिकी सरकार ने एक व्यक्ति की हत्या करा दी थी. बताया जाता है कि जिस व्यक्ति की हत्या की गई थी उसका एक प्रिय मित्र था. वहीं जब उसे यह जानकारी मिली कि उसके दोस्त की हत्या कर दी गई है तो उसे दोस्त के मौत पर भारी सदमा पहुंचा. जिसके बाद उस शख्स ने भी आत्महत्या कर ली. दोनों दोस्तों के दोस्ती और लगाव के इस रूप को देखकर अमेरिकी सरकार ने अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाने का फैसला लिया. धीरे-धीरे यह दिन प्रचलन में आ गया और भारत समेत अन्य कई देशों में अगस्त के पहले रविवार को मित्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा.