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रांची/डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पूर्व अपर निदेशक कपिल राज ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद वह अपने मूल विभाग में वापस आकर दिल्ली जोन के डीडीजीआई (DDGI) में अपर आयुक्त के पद पर पदस्थापित थे. केंद्र सरकार ने उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है और इसके संबंध में आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया गया है. कपिल राज ने ईडी में करीब आठ वर्षों तक प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दीं. वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने उन्हें झारखंड स्थित ईडी के जोनल कार्यालय का संयुक्त निदेशक और बाद में अपर निदेशक का पदभार सौंपा था. रांची में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बड़े मामलों की जांच की और उसे मुकाम तक पहुंचाया.
कपिल राज ने झारखंड में अवैध खनन, जमीन घोटाले, ग्रामीण विकास योजनाओं में कमीशनखोरी, मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की गहन जांच की
उनके कार्यकाल के दौरान झारखंड में अवैध खनन, जमीन घोटाले, ग्रामीण विकास योजनाओं में कमीशनखोरी, मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की गहन जांच की गई. इन मामलों में उन्होंने कई प्रभावशाली आईएएस अधिकारियों और मंत्रियों की गिरफ्तारी करवाई, जिन्हें बाद में जेल भी भेजा गया. रांची से पहले, जब वे कोलकाता में तैनात थे, तब उन्होंने ईसीएल घोटाला, पशु तस्करी और अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की थी. उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण मामलों में कार्रवाई हुई जिससे ईडी की कार्यशैली और प्रभावशीलता को बल मिला. दिसंबर 2024 में केंद्र सरकार ने कपिल राज की सेवाएं ईडी से समाप्त कर उन्हें उनके पैतृक विभाग में वापस भेज दिया था. अब उन्होंने वहीं से भी त्यागपत्र देकर सेवा से पूर्णतः मुक्त होने का फैसला किया है. कपिल राज का इस्तीफा ईडी जैसे प्रभावशाली जांच एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है.