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रांची/डेस्क: निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित विकल्प है. कई लोग निवेश के लिए FD करवाते हैं लेकिन जब उन्हें अचानक पैसों की आवश्यकता होती है तो वे मैच्योरिटी से पहले ही फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तोड़ देते है. इससे उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता है. दरअसल, मैच्योरिटी से पहले FD तोड़ने पर आपको कम ब्याज मिलता है और पेनाल्टी भी देनी पड़ती है. ऐसे में सलाह दी जाती है कि FD तोड़ने से बेहतर है कि आप FD लोन लें. आज हम आपको बताएंगे कि क्यों इमरजेंसी में सबसे बेहतर विकल्प है- FD तोड़ना या FD लोन लेना ?
Maturity से पहले FD तोड़ने पर कितना ब्याज कम होता है
मैच्योरिटी से पहले FD तोड़ने पर ब्याज दर कम हो जाती है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की वेबसाइट के मुताबिक, FD तोड़ने पर ब्याज दर 1 % कम हो जाती है. उदाहरण के लिए, अगर FD पर 6 फीसदी ब्याज मिल रहा है और निवेशक 6 महीने में FD तोड़ता है तो उसे 5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. इसके अलावा उसे पेनाल्टी भी देनी होगी. बता दें, सभी बैंकों की पेनाल्टी दर अलग-अलग है. SBI के नियमानुसार 5 लाख रुपये तक की एफडी पर 0.50% पेनाल्टी लगती है. जबकि 1 करोड़ रुपये तक की एफडी पर यह पेनाल्टी 1% हो जाती है. पेनाल्टी और ब्याज काटने के बाद बैंक निवेशक को बची हुई रकम देता है.
FD लोन पर कितना ब्याज लगता है
एफडी तुड़वाने के बजाय एफडी लोन लेना बेहतर है. निवेशक एफडी की कुल राशि का 90 फीसदी तक लोन ले सकते है. इसे ऐसे समझें कि अगर आपने 1 लाख रुपये की एफडी कराई है तो आप 90,000 रुपये का लोन ले सकते है. इस लोन पर आपको 1 से 2 % ब्याज देना होगा. जिसका यह मतलब है की FD पर 4 % ब्याज मिल रहा है तो निवेशक को लोन पर 5 से 6 फीसदी की दर से ब्याज देना होता है. यदि निवेशक लोन की रकम नहीं चुकाता है तो एफडी मैच्योर होने पर बैंक लोन की रकम काट लेता है. लोन की रकम काटने के बाद जो रकम बचती है, वह निवेशक के खाते में जमा कर दी जाती है.
FD लोन क्यों है अच्छा विकल्प
बता दें, जरूरत के समय FD तोड़ने से बेहतर है कि लोन ले लिया जाए. बरहाल, अगर आपको कम पैसों की जरूरत है तो लोन लेना आपके लिए लाभदायक रहेगा. जबकि अगर आपको ज़्यादा पैसों की जरूरत है तो FD तोड़ना अच्छा विकल्प है. उदाहरण के लिए, अगर आप 1 लाख रुपये की FD पर 50,000 रुपये का लोन लेते हैं तो यह अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें आप अपनी ज़रूरतें पूरी कर पाएंगे और आपकी बचत भी बचेगी. वहीं, अगर आपको 80 हजार रुपये या 90 हजार रुपये की ज़रूरत है तो आपको FD तोड़ देना चाहिए.