भरत मंडल/न्यूज 11 भारत
गांडेय/डेस्क: गांडेय प्रखंड के उदयपुर पंचायत भवन में अभिव्यक्त फाउंडेशन और जीआईसीआरई मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय प्राकृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण आधारित खेती का प्रशिक्षण आयोजित किया गया. सोमवार को इस प्रशिक्षण का समापन हुआ.
प्रशिक्षण के अंतिम दिन प्रशिक्षक गोकुल प्रसाद ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में अंधाधुंध रासायनिक खाद और कीटनाशक के उपयोग से मिट्टी और पानी प्रदूषित हो रहे हैं, जिसका सीधा असर मानव जीवन पर भी पड़ रहा है. रासायनिक खेती से खेतों में पाए जाने वाले सूक्ष्म कीटाणु, केंचुआ और जलीय जीव-जंतु धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर हम मिट्टी की उर्वरक क्षमता बचा सकते हैं. एक देसी गाय से करीब दो एकड़ भूमि पर जैविक खेती संभव है.
अभिव्यक्त फाउंडेशन के फील्ड अफसर भीम प्रसाद सिंह ने किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभ बताए. उन्होंने कहा कि जैविक खेती से न केवल मिट्टी और पानी सुरक्षित रहते हैं, बल्कि फसलें भी ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक होती हैं. वहीं संकुल समन्वयक पार्थ सरकार ने किसानों से कम से कम रासायनिक छिड़काव करने की अपील की.
प्रशिक्षण में भाग लेने वालों में बसंती मुर्मू, शांति बास्के, गणेश मुर्मू, रुपनी टुडू, मुनि देवी, विष्णु वर्मा, छोटेलाल वर्मा सहित कई किसान मौजूद थे.
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