नरेन्द्र/न्यूज 11 भारत
गोड्डा/डेस्क: गत 28 अगस्त को महगामा थाना क्षेत्र के कसबा गांव स्थित, उममूल मोमिन जामिया ऐसालील बनात मदरसा में पढ़ने वाली छात्रा अमनूर खातून की मदरसा के छात्रावास में संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी थी. अमनूर अरबी दोम यानी क्लास 7th या 8th के मदरसा के छात्रावास में रहकर पढ़ाई करती थी. मदरसा की छात्रा की इस संदेहास्पद स्थिति में मौत के बाद गोड्डा ज़िला झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रेमनंदन मंडल उसके घर ग्राम कुशहापुर, प्रखंड सुनोहाला, थाना सनोखर जिला भागलपुर गए और वहां मृतक छात्रा के पिता मोहम्मद तैयब, उनकी पत्नी एवं ग्रामीणों से मिले और पूरी घटना की जानकारी प्राप्त की. इसके बाद उक्त मदरसा गए लेकिन वहां किसी से मुलाकात नहीं हुई.
जैसा कि मृतक के पिता ने बताया कि उनकी बच्ची को मोबाइल रखने के नाम पर मदरसा में प्रताड़ित किया जा रहा था, जबकि उनकी बेटी के पास कोई मोबाइल नहीं था. इस प्रताड़ना के कारण बच्ची मदरसा पढ़ने नहीं जाना चाह रही थी, लेकिन अपनी बच्ची को पढ़ने के ख्याल से हम लोग उसको मदरसा भेजते थे और उसके बाद ऐसी घटना घट गई. ग्रामीणों ने बताया कि मदरसा में विदेशी फंड आता है. फिर भी यहां पढ़ने वाली छात्राओं से काफी शुल्क वसूला जाता है.
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि यह संस्था एक निजी संस्था के रूप में काम करता है. इसमें प्रधान मुद्दरीस से लेकर 5 - 6 मुद्दरिस एक ही परिवार के हैं. इस मदरसा में लगभग 1200 छात्राएं नामांकित हैं और लगभग 500 छात्राएं छात्रावास में रहकर अध्ययन करती है. इतने बड़े मदरसा में स्कूली नियम का पालन नहीं किया जाता है. इस मदरसा में इतनी बड़ी तादाद छात्राओं का रहने के बाद भी सीसीटीवी जो अनिवार्य है वह नहीं लगा हुआ है या फंक्शनिंग में नहीं है. घटना के बाद पुलिस प्रशासन को सूचना नहीं देना. मृतक के परिजनों को मृतका का सब पहले नहीं देखने, देने की बाद कई तरह का शर्त लगाना. यदि ऐसा है तो यह कहीं से उचित प्रतीत नहीं होता है. परिजनों ने यह भी बताया कि हम लोगों को लगातार विभिन्न माध्यमों से इस घटना में सुलह करने का दबाव और प्रलोभन दिया जा रहा है. मुझे न्याय चाहिए. घटना के 5 दिन बीत जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं होने से ग्रामीण एवं परिजनों के पुलिस प्रशासन के प्रति गहरा क्षोभ है. नियमानुसार पुलिस प्रशासन को चाहिए कि मृतका के पिता और माता का 164 में शीघ्र बयान करा देना चाहिए ताकि किसी का दबाव नहीं बन सके.
मृतका के परिजनों के प्रति हम लोगों की गहरी संवेदना है. इस घटना का सही उद्वेदन पुलिस प्रशासन को शीघ्र करना चाहिए. यदि संतोषजनक जांच नहीं होगा तो उच्च स्तरीय जांच करने का आग्रह भी हम लोग सरकार से करेंगे और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा कुमार ने परिजनों को दिया.परिजनों से मिलने वालों में प्रखंड अध्यक्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा महागामा मोहम्मद अजीमुद्दीन, अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष मोहम्मद आरगमन ,उपाध्यक्ष मृत्युंजय सिंह, केंद्रीय समिति सदस्य श्रवण मंडल, उपाध्यक्ष मुन्ना खुर्शीद ,मोहम्मद खुर्शीद आलम, मोहम्मद सुल्तान, प्रखंड सचिव राम जी मुर्मू, देवीलाल सोरेन, युसूफ अंसारी, किरण कुमारी सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे.
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