प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: कटकमसांड़ी प्रखंड के रेबर पंचायत में करोड़ों की लागत से बना उप स्वास्थ्य केंद्र उदघाटन के इंतजार में बाट जोह रहा है. तीन वर्ष पूर्व 2022 में करोड़ों की लागत से सामुदायिक अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, तब लोगों में इस बात की आस जगी थी कि पंचायत सहित सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को अब इलाज के लिए गांव से दूर शहर की ओर जाना नहीं पड़ेगा. अस्पताल बन कर तैयार है पर अब तक यहां ना तो डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है और ना ही स्वास्थ्य कर्मियों की.
कोरोना काल में जिस तरह लोग इलाज के लिए भटके अगर उस समय यहां डॉक्टरों की तैनाती होती और अस्पताल चालू हुआ होता तो सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए परेशानी नहीं होती. करोड़ों की लागत से बना अस्पताल शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. शिवनंदन बताते है की उप स्वास्थ्य केंद्र तीन साल पहले बना पर स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं होने का नतीजा है कि नव निर्मित अस्पताल जर्जर होता जा रहा है. पदाधिकारियों को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. ताकि जल्द अस्पताल चालू हो सके. इलाके के लोगों को इसका फायदा मिल सकें. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल बनाने में भी ठीकेदार द्वारा सरकारी नियम की अनदेखी की गई है.
स्थानीय लोग जल्द से जल्द अस्पताल अस्पताल चालू करने की मांग कर रहें हैं. इस संबंध में सीएचसी कटकमसांड़ी चिकित्सा प्रभारी भुषण राणा ने कहा नव निर्मित रेबर स्वास्थ्य उप केंद्र स्वीकृत पद पर नहीं है, इसलिए भवन तो बनकर तैयार है लेकिन वहां पर स्वास्थ्य विभाग के कोई कर्मी पदस्थापित नहीं है. जबकि वर्ष 2021 में तत्कालीन चिकित्सा प्रभारी भवन को हेंड ओवर ले लिया था. जिसका स्पष्टीकरण सिविल सर्जन कार्यालय से पुछा जा रहा है.