देश-विदेशPosted at: मई 28, 2024 इतना शराब पीने से नहीं बनता है ड्रिंक एंड ड्राईव का केस, पुलिस देती है छूट!

न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- आजकल शराब पीकर गाड़ी चलाने की खबर ज्यादा आ रही है जिससे कई तरह की दुर्घटनाए भी देखने को मिल रही है. इसको लेकर के पुलिस काफी शख्त है. कोई व्यक्ति कितना शराब पीकर गाड़ी चला रहा है इसे चेक करने के लिए पुलिस ब्रीथ एनालाइजर का प्रयोग करती है. इससे खून में एल्कॉहल की मात्रा के बारे में पता चलता है. 100 एमएल खून में यदि 30 एमजी अल्कोहल पाया जाता है तो ड्रंक एंड ड्राईव का केस बनता है. मुंह, गला, पेट औऱ आंत से होते हुए शराब खून में मिल जाती है. जैसे ही अल्कोहल फेफड़ों से गुजरता है वैसे ही सांसों के जरिए हवा में आने लगती है. इसी से ब्रीथ एनालाईजर में सांस छोड़ने से अल्कोहल की मात्रा के बारे में पता चल जाता है. अमेरिकी मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार 100 एमएल ब्लड में अल्कोहल की मात्रा 50 एमजी हो जाता है तो व्यक्ति पूरी तरह से होश में नहीं रहता है. इसलिए पुलिस 100 एमएल ब्लड में 30 एमजी अल्कोहल पाए जाने पर ड्रंक एंड ड्राईव का केस नहीं बनता. ब्लड में घुलने के बाद अल्कोहल तीन तरीके से बाहर निकलता है 5 प्रतिशत टायलेट से 5 प्रतिशत सांस के जरिए बाकि का एल्कोहल एसिटिक एसिड में बदल जाता है. वैसे भारत में तो शराब पीने की मनाही नहीं है पर शराब पीकर गाड़ी चलाना शख्त मना है. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने के चलते धारा 185 के तहत पहली बार पकड़े जाने 6 महीने तक की जेल व 2000 तक का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है. वहीं तीन साल के अंदर दूसरी बार पकड़े जाने पर 2 साल तक की जेल व 3000 तक का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है.