प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: सरकारी विद्यालयों की बदहाल स्थिति एक बार फिर बच्चों की जान पर भारी पड़ती दिख रही है. प्रखंड के बरहमोरिया उच्च विद्यालय में पढ़ाई कर रहे 322 छात्र-छात्राएं रोज़ाना जान जोखिम में डालकर स्कूल आ रहे हैं. जर्जर भवन और स्कूल परिसर के ऊपर से गुजर रही हाईवोल्टेज बिजली की तार बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है.
विद्यालय की इमारत बुरी तरह जर्जर हो चुकी है. छतों से सीमेंट की परतें झड़ रही हैं और लोहे के सरिए बाहर झाँक रहे हैं. बारिश में छत से पानी टपकता है, जिससे बच्चों की किताबें भीग जाती हैं और कक्षाएं बाधित हो जाती हैं. दूसरी ओर, विद्यालय के मैदान के बीचों-बीच 11 हजार वोल्ट की विद्युत तार गुजरती है. हर सुबह प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों के सिर पर यह करंट की लाइन मंडराती रहती है.
बच्चों की अपील: "डरेंगे तो पढ़ेंगे कैसे?"
विद्यालय के बच्चों ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से अपील की है कि उन्हें भयमुक्त और सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई का अवसर दिया जाए. उनका कहना है कि वे हमेशा डर के साए में पढ़ाई करते हैं और खेलकूद की गतिविधियाँ भी बाधित होती हैं.
प्राचार्य और शिक्षकों की लगातार चिंता, लेकिन कार्रवाई शून्य
विद्यालय के प्राचार्य ने कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों ने भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई है. उनका कहना है कि ऐसी परिस्थिति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना बहुत कठिन हो गया है.
अभिभावक भी चिंतित, कहा— ‘बच्चे डर के साये में पढ़ने को मजबूर’
बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि वे रोज़ अपने बच्चों को डरते-डरते स्कूल भेजते हैं. उनकी सबसे बड़ी चिंता बिजली की तार और गिरते भवन को लेकर है. अभिभावकों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते समाधान नहीं किया गया तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है.
ग्रामीणों की मांग: हाईवोल्टेज तार हटे, नई बिल्डिंग बने
विद्यालय परिवार और ग्रामीणों की स्पष्ट मांग है—1. स्कूल मैदान से गुजर रही हाईवोल्टेज तार को तत्काल हटाया जाए. 2. विद्यालय के लिए नई, सुरक्षित और टिकाऊ इमारत का निर्माण कराया जाए.
सरकार और प्रशासन से उम्मीद है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जल्द कार्रवाई की जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के ये होनहार छात्र भयमुक्त वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर सकें.