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रांची/डेस्क: बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने झारखंड सरकार की कार्यशैली और कैबिनेट द्वारा लिए जाने वाले फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा "अक्टूबर 2024 में झारखंड सरकार की कैबिनेट ने (मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना) के तहत विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या 25 से बढ़ाकर 50 करने का निर्णय लिया था. स्वयं मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा था कि अब झारखंड सरकार हर वर्ष 50 छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजेगी.
किन्तु, 5 मई 2025 को सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में छात्रवृत्ति की संख्या पुनः 25 कर दी गई है.
क्या कैबिनेट के निर्णय इतने अस्थिर और दिखावटी होते हैं कि उनकी घोषणा के कुछ महीनों बाद ही उन्हें चुपचाप वापस लिया जा सकता है? क्या यह सरकार शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को गंभीरता से नहीं ले रही? इस प्रकार की असंगत नीतियाँ क्या झारखंड के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के भविष्य को बाधित नहीं कर रही हैं?"
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