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बिहार/डेस्क: धरातल पर बड़े घर का मालिक व मालिकन ...कागज पर गरीब. सुविधा संपन्न और सुख-समृद्धि के सभी साधन मौजूद, फिर भी ये गरीब हैं. इन्हें आवास योजना का लाभ मिला है, जो पात्र नहीं हैं, उनके नाम भी आवास लाभार्थियों की सूची में हैं. बिहार के शेखपुरा में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा गड़बड़ घोटाला सामने आया है. शातिर वार्ड सदस्य ने अपने ही सगे संबंधियों को लाभार्थियों बताकर राशि को निकाल घोटाले को अंजाम दिया है. प्रधानमंत्री ने जिस योजना को गरीबों के लिए बनाए थे लेकिन शेखपुरा में अधिकारियों और वार्ड पार्षद के मिलीभगत से गरीबों की हकमारी की जा रही है. मामला संज्ञान में आते ही डीडीसी ने जांच करने की बात कही है.
दरअसल, मामला शेखपुरा जिले के चेवाडा प्रखंड क्षेत्र के चकन्दरा पंचायत के कमलगढ़ गांव का है. जहां वार्ड पार्षद रवि कुमार अपने शातिराना तरीके से आवास सहायक को मैनेज कर घोटाले के इस कारनामे को अंजाम दिया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि खुद वार्ड पार्षद अपने पत्नी सुनिता देवी, अपने भाई राहुल कुमार, अपनी मां पुष्पा देवी के साथ साथ जिनके पास पहले से पक्का मकान बना हुआ है. जिसमें गणेश चौहान, देवनाथ चौहान के साथ दर्जनों लोग शामिल हैं.
ग्रामीणों ने कहा है कि पैसे की लालच में आकर रवि कुमार वार्ड पार्षद एवं आवास सहायक ने अपने ही लोगों और गरीबों को लाभार्थी दिखाकर पैसे निकालकर गरीबों की हकमारी किया है. वर्ष 2024-25 के लाभार्थियों के सूची में जिन जिन लोगों के नाम शामिल हैं. उसमें 95% लोगों के पास या तो दो पहिया वाहन है या तो उनकी अच्छी खासी आमदनी और जमीन भी है. अपात्र लोगों को असली लाभार्थी बताकर बड़ा घोटाला वार्ड पार्षद और आवास सहायक ने किया है.ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जांच की मांग करते हुए इसमें शामिल दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. इधर वार्ड पार्षद रवि ने अपनी सफाई में कहा है कि सभी आरोप बेबुनियाद है , जिसके पास घर नहीं है उन्हें इस योजना का लाभ मिला है .
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि आवास योजना में मिलने वाली राशि 120000 रुपए होते हैं, जिसमें स्थानीय प्रतिनिधि और आवास सहायक का हिस्सेदारी 20 से 25% का होता है और इसमें कुछ प्रखंड स्तर के अधिकारी भी शामिल रहते हैं. सभी मिलबांट कर पैसे लेकर अपात्र लोगों को फर्जी तरीके से योजना का लाभ दिलाते हैं , जिसके बदले उन्हें अच्छी खासी कमाई हो जाती है. उप विकास आयुक्त संजय कुमार ने कहा है कि इस मामले की लिखित शिकायत अभी तक नहीं मिली है, शिकायत मिलने के बाद जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सभी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए तय मानक के अनुसार साफ-साफ बताया गया है कि लाभार्थी के किसी भी सदस्यों के पास पहले से पक्का मकान नहीं होना चाहिए. उसके पास कोई भी इंधन वाले वाहन नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही कई तरह के मानक तय किए गए है लेकिन इन मानकों को ठेंगा दिखाते हुए आवास सहायक एवं वार्ड पार्षद ने मिलकर घोटाले को अंजाम दिया है.