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रांची/डेस्क: रविवार को एयरइंडिया की फ्लाइट भुवनेश्वर से दिल्ली जाने वाली एक विमान उड़ान से ठीक पहले विमान के केबिन में उच्च तापमान के कारण रद्द कर दी गई. एयर इंडिया विमान में सवार लोगों की संख्या, विमान के प्रकार या यहां तक कि अब बंद हो चुकी उड़ान के भुवनेश्वर से उड़ान भरने के निर्धारित समय जैसी जानकारी नहीं दी.
एयर इंडिया के विमान में ऐसी तकनिकी खराबी आने की यह दूसरी घटना
एक दिन में एयर इंडिया के विमान में ऐसी तकनिकी खराबी आने की यह दूसरी घटना हैं. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए ने टाटा समूह द्वारा संचालित निजी विमानन कंपनी के ऑडिट के दौरान 100 से अधिक उल्लंघनों का पता लगाया है, जिनमें से कुछ को गंभीर सुरक्षा जोखिम के रूप में पहचाना गया हैं.
तकनिकी समस्या की वजह से फ्लाइट रद्द
इसके अलावा, 12 जून को बोइंग 787-8 विमान के उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर एक मेडिकल कॉलेज पर क्रैश हो जाने से विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 19 अन्य लोग भी मारे गए थे. एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा कि, 3 अगस्त को भुवनेश्वर से दिल्ली के लिए निर्धारित उड़ान AI500 को तकनीकी समस्या के कारण रद्द कर दिया गया है, जिसके कारण उड़ान से पूर्व ही केबिन का तापमान बहुत ज्यादा हो गया था. भुवनेश्वर स्तिथ हमारी एयरपोर्ट टीम प्रभावित यात्रियों को उनके गंतव्य दिल्ली तक उड़ान भरने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने में मदद कर रही हैं. हमें हुई असुविधा के लिए खेद हैं.
flightradar24. com के अनुसार विमान दोपहर 2.55 बजे दिल्ली पहुंचनी थी
उड़ान की ट्रैकिंग वेबसाइट flightradar24. com के मुताबिक, यह उड़ान अपने निर्धारित समय दोपहर 12.35 बजे एयरबेस A321 विमान द्वारा संचालित होनी थी और दोपहर 2.55 बजे दिल्ली पहुंचनी थी. इससे पूर्व में एयर इंडिया ने कहा था कि सिंगापुर से चेन्नई के लिए निर्धारित उसकी उड़ान AI349 को प्रस्थान से पहले पहचाने गए एक रखरखाव कार्य के कारण रद्द कर दिया गया था, जिसे ठीक करने के लिए अतिरिक्त समय की जरुरत थी.
जांच के दौरान मिला गंभीर सुरक्षा जोखिम
सूत्रों ने जानकारी दी कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने पिछले हफ्ते एयर इंडिया के प्रशिक्षण, चालक दल के आराम और ड्यूटी अवधी के मानदंडों तथा हवाई क्षेत्र योग्यता आदि से संबंधित लगभग 100 उल्लंघनों और टिप्पणियों का पता लगाया था. इनमें से सात को लेवल-1 उल्लंघन के रूप में पहचाना गया है, जिन्हें गंभीर सुरक्षा जोखिम माना जाता है और एयरलाइन ऑपरेटर द्वारा तत्काल सुधारात्मक कार्यवाई की आवश्यकता होती हैं.
प्रचार पर अधिक खर्च कर रही कंपनियां
पिछले महीने किए गए एक ऑनलाइन अखिल भारतीय सर्वेक्षण में यह सामने आया कि करीब 76 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत में कई एयरलाइंस सुरक्षा से ज्यादा प्रचार पर खर्च कर रही हैं. लोकलसर्किल्स द्वारा कराए गए इस सर्वे में यह भी पाया गया कि 64 प्रतिशत प्रतिभागियों ने पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार कठिन उड़ान का अनुभव किया है, जिसमें टेकऑफ़, लैंडिंग या उड़ान के दौरान उत्पन्न हुई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां शामिल थीं.