प्रशांत/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: जिले के इचाक अंचल कार्यालय में जमीन के धंधेबाजों का किस कदर पकड़ हैं उसकी एक बानगी सामने आयी है. इचाक अंचल कार्यालय में किसी भी जमीन का दोहरा व तीहरा जमाबंदी कायम करवा लेना अब आम बात हो गयी है. इसकी एक बानगी इचाक अंचल के परासी मौजा स्थित खाता संख्या 31 से संबंधित है. इचाक अंचल के परासी मौजा स्थित खाता संख्या 31 प्लॉट 1159, 1160, 1161, 1162 एवं 1163 कुल रकवा 55 डीसमिल जमीन सीएनटी से अच्छादित हैं. खतियानी रैयत के वंशज आरंभ से सखेती करते चले आ रहे हैं.
इसकी रिपोर्ट अंचल अधिकारी इचाक, भूमि अपर समाहर्ता, हजारीबाग और कार्यालय बंदोबस्त पदाधिकारी के द्वारा जिला मुख्यालय को दिया जा चुका है. उक्त रैयती जमीन का एक फर्जी कागजात बनाकर न सिर्फ उसपर अवैध दावा किया जा रहा है बल्कि एक दूसरे व्यक्ति के पास 40 डिसमिल बेच भी दिया गया है. खतियानी रैयत को नावल्द घोषित कर उक्त भूमि का एक कबुलियत पट्टा 1917 में हासिल कर 43 वर्ष बाद वर्ष 1960-61 में परमथ बैद्य के नाम जमाबंदी कायम करवा लिया गया. बाद में उक्त भूखंड में से 40 डिसमिल जमीन दिनांक 28/08/1991 को पार्वती देवी पति तुलसी महतो ग्राम चपरख, बाना ईचाक, जिला हजारीबाग को बिक्री कर दिया गया और 34 वर्षों के बाद दिनांक 05/02/2025 को सीएनटी की खतियानी जमीन को तिहरी जमाबंदी कायम करवा लिया गया. इस मामले को लेकर पूर्व में ही दोनों पक्षों के बीच न्यायालय भूमि सुधार उप समाहर्ता, सदर, हजारीबाग और न्यायालय, हजारीबाग में भी सुनवाई हुई. परमभ वैद्य के नाम से कायम की गयी दोहरा जमाबंदी को न्यायालय भूमि सुधार उप समाहर्ता, सदर, हजारीबाग ने अवैध करार देते हुए रद्द करने का निर्देश इचाक अंचलाधिकारी को दिया.
न्यायालय भूमि सुधार उप समाहर्ता, सदर, हजारीबाग ने विविध वाद संख्या 07/2021-22 में सुनवाई करते हुए अपने फैसले में कहा कि सीएनटी की खतियानी जमीन का दो दो जमाबंदी कायम होना उचित नहीं हैं इसलिये परमय बैद्य के नाम कायम की गयी जमाबंदी को रद्द करने की कार्रवाई करें. इस मामले में उपायुक्त का न्यायालय, हजारीबाग ने मिसलेनियस अपील बाद 162/2022 में सुनाई करते हुए न्यायालय भूमि सुधार उप समाहर्ता, सदर, डीसी ने मामले को गंभीरता से लिया, सीओ को निर्देश हजारीबाग जिले के इचाक अंचल के परासी मौजा स्थित थाना नंबर 28, खाता संख्या 31, प्लॉट 1159, 1160, 1161, 1162 एवं 1163 कुल रकया 55 डीसमिल सीएनटी से अच्छादित जमीन की गयी गयी अवैध दोहरी व तीहरी जमाबंदी के मामले को शशि प्रकाश सिंह उपायुक्त, हजारीबाग ने बड़ी गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि नियमों के विपरीत कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होगी. उन्होंने इस मामले में अंचलाधिकारी इचाक को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है.
पूर्व भू-राजस्व सचिव केके सोन ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्तों व उपायुक्तों को भेजा पत्र
सीएनटी और एसपीटी एक्ट के नियमों को सख्ती से लागू करने का दिया निर्देश एसटी, एससी व पिछड़ा वर्ग के सदस्यों के हितों का संरक्षण करने के उद्देश्य से झारखंड के पूर्व भू-राजस्व सचिव केके सोन ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों व उपायुक्तों पत्र देकर भू-राजस्व सचिव के सोन ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्तों व उपायुक्तों पत्र देकर सीएनटी और एसपीटी एक्ट के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया था. अक्टूबर 2020 में राजस्व विभाग के पूर्व सचिव श्री सोन ने पत्र लिखकर विभाग के कार्यों को लेकर प्राथमिक स्तर पर ठोस कार्रवाई करने के लिए कहा था. नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी थी. उन्होंने अपने पत्र में निर्देश देते हुए कहा था कि सीएनटी और एसपीटी एक्ट के नियमों में किसी भी हाल में उल्लंघन नहीं होना चाहिये. पत्र में अनुसूचित जातियों व जनजातियों की भूमि वापसी के मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया था.
अनुसूचित जनजातियों की भूमि वापसी के मामले विभाग की प्राथमिकता में हैं. इनसे जुड़े मामलों में विशेष अभियान चलाकर अंचलाधिकारियों को दखल-दिहानी दिलाने का भी निर्देश दिया गया था कहा गया है कि वैसे सभी मामलों में, जिनमें एसएआर कोर्ट के फैसलों के विरुद्ध रिवीजन, अपील या स्थगन का आदेश नहीं है, उनमें आवश्यकतानुसार दंडाधिकारी और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करते हुए दखल-दिहानी दिलाने की कार्यवाही आरंभ करें. राज्य में अवैध या संदेहास्पद जमाबंदी को अभियान चला कर जांच करते हुए रद्द करने का निर्देश दिया गया था. सुयोग्य भूमिहीनों को चिह्नित कर उनको भूमि उपलब्ध कराते हुए उनके नाम से कायम जमाबंदी नियमित करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा था कि नियमों व निदेशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को चिहित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. हजारीबाग के फैसले को यथावत रखते हुए सक्षम व्यवहार न्यायालय में जाने का निर्देश दिया गया.
न्यायालय 693/५. सु. दिनांक 06/10/2022 तच्या उपायुक का न्यायालय, हजारीबाग द्वारा दिनांक 18/07/2024 को दिये गये फैसले के विपरीत 5 फरवरी 2025 को उक्त खाते की 40 डिसमिल जमीन का पार्वती देवी पति तुलसी महतो के नाम तीहरी जमाबंदी कायम कर दिया गया. 34 वर्षों के बाद पार्वती देवी के नाम किये गये सीएनटी की जमीन का तिहरी जमाबंदी पर जब आपत्ति दर्ज किया गया तो कार्यालय अंचल अधिकारी इयाक, हजारीबाग के पत्रांक 454 दिनांक 14/07/2025 के माध्यम से जमाबंदी रद्द करने का आग्रह भूमि सुधार उप समाहर्ता, सदर, हजारीबाग से किया गया. अंचल अधिकारी इचाक, हजारीबाग ने डीसीएलआर को दिये अपने रिपोर्ट में कहा है कि उपायुक्त के न्यायालय में वाद संख्या 162/22 उमेश प्रताप बनाम प्रभात कुमार गुप्ता के बीच चला जिसकी जानकारी मुझे या कार्यालय को नहीं थी. क्रेता पार्वती देवी द्वारा उक्त विवाद के विषय में तब्य छिपाकर एवं दिगभ्रमित कर ऑनलाइन दाखिल खारिज वाद संख्या 1456/2024-25 द्वारा करा लिया गया. नियमानुसार जमाबंदी रद्द करने की कृपा करें.
यह भी पढ़े: हजारीबाग में स्कूली बच्चों से करायी मजदूरी, श्रम उपाधीक्षक ने दिया जांच का आदेश