प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: झारखंड में गो-तस्करी का एक बड़ा और संगठित नेटवर्क सक्रिय है. वहीं इसके तार जिले के बरही से भी जुड़ रहे हैं. सब कुछ 'मैनेज' होने के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवैध गतिविधियां धड़ल्ले से चल रही हैं. चोरदाहा बॉर्डर से शुरू होकर बरही, गिरिडीह और धनबाद जैसे जिलों से होते हुए यह तस्करी बंगाल सीमा तक पहुंच रही है.
सूत्रों के मुताबिक यह पूरा नेटवर्क सरकारी और प्रशासनिक संरक्षण में चल रहा है. वहीं हजारीबाग में इस अवैध खेल को मैनेज करने का काम बरही निवासी कोई 'कुरैशी' उपनाम का तस्कर करता है. उसकी जिम्मेदारी इतनी भर है कि वाहन झारखंड सीमा से सुरक्षित पार हो जाएं.आरोप है कि इस अवैध धंधे में शामिल कुछ बड़े नाम हर महीने करोड़ों रुपये की उगाही कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो पुलिस-प्रशासन द्वारा प्रति वाहन लाखों रुपये की 'एंट्री फीस' वसूली जा रही है जो वाहनों के आकार और प्रकार के अनुसार अलग-अलग है. बताया जा रहा है कि एक सुनियोजित तरीके से यह रैकेट काम करता है. जिसमें झारखंड सीमा से लेकर बंगाल सीमा तक वाहनों को सुरक्षित रास्ता दिया जाता है. इस पूरे सिंडिकेट पर प्रशासन की नजर क्यों नहीं है यह बड़ा सवाल है.
सूत्र बताते हैं कि पुलिस को जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. सवाल खड़ा होता है कि इस अवैध व्यापार में आखिर कौन-कौन शामिल है. पुलिस थानों में इस तरह के मामलों की कई शिकायतें दर्ज होने के बावजूद इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. यह स्थिति कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है और यह दर्शाती है कि इस अवैध धंधे के तार काफी गहरे तक फैले हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन इस मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं करती है तो यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है.