संतोष श्रीवास्तव/न्यूज़11 भारत
पलामू/डेस्क: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के एक प्रमुख नेता और झारखंड धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य संजीव तिवारी ने अपनी हत्या की आशंका व्यक्त करते हुए सनसनीखेज दावे किए हैं. चियांकी में अपने स्कूल परिसर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में, तिवारी ने विस्तार से बताया कि कैसे कुछ असामाजिक तत्व उनकी जान के पीछे पड़े हैं और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं.
जान को खतरा और रंगदारी का आरोप
संजीव तिवारी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि उनकी जान को खतरा है और कुछ लोग उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों हुई एक घटना का जिक्र किया, जहां कुछ अज्ञात व्यक्ति उनके स्कूल परिसर के पास आए और गार्ड को धमकाते हुए उनसे 5 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की. यह घटना उनके लिए एक चेतावनी थी कि उनकी सुरक्षा खतरे में है.
सोशल मीडिया पर छवि धूमिल करने की कोशिश
तिवारी ने संतोष शर्मा नामक एक व्यक्ति पर विशेष आरोप लगाए हैं. उनके अनुसार, संतोष शर्मा लगातार फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके खिलाफ झूठी और मानहानिकारक पोस्ट लिख रहा है। संजीव तिवारी का कहना है कि इन पोस्ट्स से उनकी सार्वजनिक छवि और प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है. यह सोशल मीडिया पर एक सुनियोजित अभियान प्रतीत होता है, जिसका उद्देश्य उन्हें बदनाम करना है.
स्कूल की रेकी और संगठित धमकी
संजीव तिवारी ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि संतोष शर्मा और उसके साथी केवल सोशल मीडिया पर ही सक्रिय नहीं हैं, बल्कि वे जमीन पर भी उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने बताया कि संतोष शर्मा और उसके सहयोगी चियांकि हवाई अड्डे के पास स्थित कामेश्वर अवध इंटरनेशनल स्कूल की रेकी कर रहे हैं. रेकी के पीछे का मकसद स्पष्ट रूप से धमकी देना और रंगदारी की अपनी मांग को और मजबूत करना है. यह दर्शाता है कि यह सिर्फ एक छिटपुट घटना नहीं, बल्कि एक संगठित आपराधिक गतिविधि है.
पुलिस से न्याय की गुहार
इस गंभीर मामले को देखते हुए, संजीव तिवारी ने तत्काल कार्रवाई के लिए साइबर क्राइम कार्यालय, पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋष्मा रमेशन और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) मणि भूषण को लिखित शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने, आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उन्हें जेल भेजने की अपील की है। तिवारी का मानना है कि ऐसे आपराधिक तत्वों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में लिप्त होने की हिम्मत न कर सके. उनकी मांग है कि कानून अपना काम करे और उन्हें न्याय मिले.