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पलामू/डेस्कः- पलामू में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा द्वारा गुरु तेग बहादुर मेमोरियल हॉल में एक दिवसीय सम्मान समारोह और कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पुष्कर महतो एकेडमी के संरक्षक अविनाश देव, सतीश कुमार, बालकिशन उरांव सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्वलित कर शुरुआत की.
खेल और खिलाड़ियों का सम्मान
इस अवसर पर राजा मेदिनीराय तीरंदाज एकेडमी ने पलामू के 27 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राजा मेदिनीराय स्पोर्ट्स अवार्ड से सम्मानित किया. इस पहल का उद्देश्य पलामू के बच्चों में खेल के प्रति रुचि बढ़ाना है. ग्रीन वैली इंटरनेशनल स्कूल और संत मरियम स्कूल के बच्चों ने स्केटिंग, कराटे, तीरंदाजी, मिक्स्ड मार्शल आर्ट और नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया. आंदोलनकारी मुरारी पांडेय को केंद्रीय सचिव चुना गया.
आंदोलनकारियों की प्रमुख माँगें
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड आंदोलनकारियों का "गौरव पुत्र" बताया और कहा कि उनकी पहचान आंदोलनकारियों के कारण महान है. उन्होंने सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें कीं:
* दिशुम गुरु शिबू सोरेन को जल्द से जल्द गजट नोटिफिकेशन कर पूर्ण राजकीय मान-सम्मान दिया जाए.
* आंदोलनकारियों को राजकीय मान-सम्मान, अलग पहचान, उनके बच्चों के लिए 100% रोजगार और नियोजन की गारंटी, जेल जाने की बाध्यता समाप्त करते हुए समान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपये दी जाए.
* सरकार 15 अगस्त, 26 जनवरी और 15 नवंबर को आंदोलनकारियों को नियमित रूप से सम्मानित करे.
* 3 जनवरी को झारखंड आंदोलनकारी दिवस के रूप में गजट नोटिफिकेशन कर मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती को गौरवान्वित किया जाए.
अन्य प्रमुख वक्ताओं के विचार
केंद्रीय संयोजक सतीश कुमार ने कहा कि संघर्ष ही उनका ईमान है और इसी से बदलाव आएगा. उन्होंने युवाओं से राजा मेदिनीराय और नीलांबर-पीतांबर की कर्मभूमि को सजाने-संवारने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया. अक्टूबर में पलामू के चलानी किला शाहपुर में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता का भी ऐलान किया गया.
केंद्रीय सचिव विकेश कुमार शुक्ला ने कहा कि आंदोलन से राज्य बना है और अब आंदोलन से सम्मान पेंशन भी मिलेगा. केंद्रीय नेत्री श्रीमती रोज़लीन तिर्की ने पलामू की धरती से क्रांति की ज्योति जलाने की बात कही. केंद्रीय सचिव अली हसन ने झारखंड अलग राज्य के आंदोलन के मूल्यों को सरकार द्वारा स्थापित करने की बात कही.
प्रमंडलीय अध्यक्ष बालकिशन उरांव ने कहा कि आंदोलनकारियों के मान-सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. केंद्रीय नेता अनिल मनोहर केरकेट्टा ने 25 साल बाद भी आंदोलनकारियों के संघर्ष को विडंबना बताया और एक उग्र आंदोलन की आवश्यकता पर बल दिया. महिला नेत्री श्रीमती विलंगना किंडो ने झारखंड आंदोलन में महिलाओं की भूमिका को कम करके आंके जाने पर दुख व्यक्त किया और सरकार से प्रत्येक महिला को सम्मान देने की मांग की.
कार्यक्रम का संचालन जिला महासचिव धर्मेंद्र कुमार चंद्रवंशी ने किया और अध्यक्षता जिला अध्यक्ष दाऊद केरकेट्टा ने की. इस अवसर पर प्रदीप सिन्हा, शत्रुघ्न कुमार शत्रु, सुबोध कुमार लकड़ा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.