संतोष श्रीवास्तव/न्यूज़11 भारत
पलामू/डेस्क: रामगढ़ और आसपास के प्रखंडों में मवेशियों की लगातार चोरी से परेशान ग्रामीणों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार पशु तस्करों को रंगे हाथों पकड़ा. ग्रामीणों ने हुट्टर गांव में एक बैठक आयोजित कर इन तस्करों से गहन पूछताछ की और उनसे गायब हुए पशुओं के बारे में जानकारी ली. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से इस अवैध धंधे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की हैं.
अप्रैल से अब तक 100 से अधिक मवेशी हुए गायब:
ग्रामीणों ने बताया कि अप्रैल से जून महीने के बीच रामगढ़ क्षेत्र से 100 से अधिक मवेशी गायब हो चुके है, जिससे पशु मालिक बेहद परेशान हैं.इसी बीच, ग्रामीणों ने बीती रात चार ऐसे व्यक्तियों को पकड़ा, जिन पर मवेशी गायब करने का आरोप था. इस बैठक में 15 गांवों के ग्रामीण शामिल हुए, जिन्होंने अपने-अपने गायब पशुओं, जैसे भैंस, गाय, बैल, बछड़ा, बकरा और बकरसी आदि की जानकारी दी.
आरोपी तस्करों ने कबूला, बाहरी गिरोह से संबंध:
पकड़े गए पशु तस्करों ने खुलासा किया कि उन्हें पैसे देकर यह काम करवाया जाता हैं. वे पैसे मिलने पर पशुओं को हांक कर मुख्य तस्करों के हवाले कर देते हैं. इन मुख्य तस्करों की पहचान इम्तियाज और नसरूद्दीन अंसारी के रूप में हुई है, जिनका संबंध बाहर के बड़े पशु तस्कर गिरोहों से हैं. ये लोग रामगढ़ क्षेत्र से मवेशियों की तस्करी कर उन्हें बाहर बेच देते हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता ने की पुलिस कार्रवाई की मांग:
ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप चंद्रवंशी ने सभी पीड़ित पशु मालिकों से अपील की है कि वे संबंधित थाने में अपने गायब मवेशियों की शिकायत दर्ज कराएं. उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की.
आरोपियों को चेतावनी देकर छोड़ा:
चंद्रवंशी ने पकड़े गए चारों तस्करों को भविष्य में मवेशी गायब करने की घटनाओं में शामिल न होने की कड़ी हिदायत देकर छोड़ दिया. साथ ही, उनसे यह भी कहा गया कि वे इम्तियाज और नसरूद्दीन अंसारी नामक दोनों मुख्य तस्करों को पकड़कर पुलिस के हवाले करने में मदद करें. ग्रामीणों ने उन्हें यह भी चेतावनी दी कि जब भी वे दोनों मुख्य तस्कर गांव में आएं, तो इसकी जानकारी तुरंत ग्रामीणों को देनी होगी.