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रांची/डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर छिड़े विवाद के बीच आज सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. यह नई बेंच उन जजों से अलग है, जिन्होंने पहले आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया था. इस फैसले ने डॉग लवर्स के बीच हलचल मचा दी थी, जिसके विरोध में उन्होंने शांतिपूर्ण कैंडल मार्च भी निकाला था.
क्या है नया अपडेट?
यह विशेष बेंच जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि पुराने जज, जिन्होंने पहले मामले की सुनवाई की थी, इस नई सुनवाई का हिस्सा नहीं होंगे.
पुराना फैसला क्या था?
इससे पहले जस्टिस जेबी पारदीवाला की अगुवाई वाली बेंच ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए एक अहम आदेश दिया था. उस आदेश में कहा गया था कि दिल्ली और एनसीआर के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में भेजा जाए. इस फैसले का मकसद लोगों को आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों से राहत दिलाना था.
लोगों की मुश्किलें और बढ़ती संख्या
आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल दिल्ली में कुत्तों के काटने के 26,000 मामले दर्ज हुए और 31 जुलाई तक रेबीज के 49 मामले सामने आए. 2009 में किए गए सर्वे के अनुसार, दिल्ली में करीब 5.6 लाख आवारा कुत्ते थे, लेकिन पिछले 16 सालों में कोई नया सर्वे नहीं हुआ हैं. अनुमान है कि इनकी संख्या अब 10 लाख तक पहुंच चुकी है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों सहित सभी उम्र के लोगों को परेशानी हो रही हैं.