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बिहार/डेस्क: बिहार के 17 पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनितिक दल (आरयूपीपी) को राजनितिक दलों की सूचि से भारत निर्वाचन आयोग ने हटा दिया हैं. शनिवार को चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, देश भर के 334 दलों को सूचि से हटाया गया हैं. कुल 2854 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनितिक दलों में से 2520 राजनितिक दल ही देशभर में बचे हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक, ये पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल अब जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 बी और धारा 29 सी तथा चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के तहत कोई भी लाभ प्राप्त करने के हकदार नहीं होंगे. चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि इस आदेश से अगर किसी भी दल को परेशानी है तो वह 30 दिनों के भीतर आयोग में अपील कर सकते हैं.
पिछले छह वर्षों से चुनाव में शामिल नहीं होने पर हुई कार्यवाई
जानकारी के मुताबिक, ये राजनितिक दल 2019 से अब तक पिछले छह वर्षों में एक भी चुनाव लड़ने के आवश्यक मानदंडों को पूरा करने में विफल रहे. इसके अलावा, इन पार्टियों के कार्यकाल भी उनके पंजीकृत दस्तावेजों में उल्लेखित पते पर मौजूद नहीं हैं. चुनाव आयोग ने इस वजह से यह अहम फैसला लिया हैं. इसके पूर्व इन सभी दलों की बिहार सहित देश में पंजीकृत दस्तावेजों में उल्लेखित पते की जांच कराई गई थी.
बिहार के 17 दलों पर हुई कार्यवाई
सूचि से हटाए गए बिहार के 17 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों में भारतीय बैकवर्ड पार्टी, पटना, भारतीय सुराज दल, पटना, भारतीय जनतंत्र सनातन दल बक्सर, हमदर्दी जन संरक्षक समाजवादी विकास पार्टी (जन सेवक) बक्सर, भारतीय युवा पार्टी (डेमोक्रेटिक) पटना, क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी पटना, बिहार जनता पार्टी सारण, जनता पार्टी (इंडियन) वैशाली, सर्वजन कल्याण लोकतांत्रिक पार्टी पटना तथा व्यवसायी किसान अल्पसंख्यक मोर्चा जमुई बिहार, लोक आवाज दल पटना, नेशनल जनता पार्टी (इंडियन) वैशाली, राष्ट्रवादी जन कांग्रेस पटना, राष्ट्रीय सर्वोदय पार्टी पटना शामिल हैं.