राज हल्दार/न्यूज़11 भारत
खूंटी/डेस्क: खूंटी जिला के मुरहू प्रखंड में बहने वाली बनई नदी पर घाघरा और जामटोली के बीच ग्रामीण महिला-पुरूषों ने मदईत परंपरा के तहत श्रमदान कर बोरीबांध बनाया. ग्रामीणों को सेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष अजय शर्मा के द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर सहयोग करते हुए सीमेंट की खाली बोरियां और बोरी बांध बनने के बाद सामुहिक भोज की व्यवस्था की. बोरियां एपेक्स कॉन्क्रिटो इंफ्रा प्राईवेट लिमिटेड के निदेशक विपीन कुमार सिंह के द्वारा उपलब्ध कराया गया. ग्रामीण महिला-पुरुषों ने मदईत परंपरा के तहत बनाई नदी पर 100 मीटर लंबा बोरी बांध बनाया है. यह बांध घाघरा और जामटोली के बीच बनाया गया है, जिससे लगभग 50 एकड़ से ज्यादा भूखंड में तरबूज की खेती की जा सकेगी.
इस परियोजना में सेवा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अजय शर्मा और एपेक्स कॉन्क्रिटो इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विपीन कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. बोरीबांध बनाने में जामटोली और घाघरा के ग्रामीणों ने भी श्रमदान किया है. बोरी बांध बनने के बाद नदी में लगभग आधा किलोमीटर दूर तक पानी लबालब भर गया है. 24 घंटे बाद नदी डैम की तरह नजर आएगा. बोरीबांध की उंचाई लगभग सात फीट और लंबाई 100 मीटर से ज्यादा है. बोरीबांध बनने के बाद अब घाघरा और जामटोली के किसान लगभग 50 एकड़ से ज्यादा भूखंड में लगे तरबूज की खेती कर पाएंगे.
पूर्व उपमुखिया जगन्नाथ मुंडा ने कहा कि अगर बोरीबांध नहीं बनता तो फरवरी माह के बाद नदी का बहाव थम जाता और दो गांवों के किसानों समेत आम लोगों को परेशानी होती. अब पूरे गर्मी जामटोली व घाघरा गांव के लोगों को पानी की परेशानी नहीं होगी. बसंत मुंडा ने कहा कि बनई नदी पर बांध बनने से गांव के चापानलों और कुंआ का पानी गर्मी के मौसम भी नहीं सुखता है. इस बोरीबांध से किसानों को खेती करने में सहुलियत होगी. मवेशियों को पीने का पानी मिलेगा, गांव के लोगों को नहाने-धोने के लिए पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
सहयोग मिले, तो दर्जनों गांवों में बन जाएगा बोरीबांध : अजय शर्मा
सेवा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष से जनसमुदाय की मदद से बोरीबांध बनाए जा रहे हैं. कहीं से कोई मदद नहीं मिल रहा. वर्ष 2024 में कुल 25 बोरीबांध बनाए गए. इस वर्ष अब तक चार बोरीबांध बनाए जा चुके हैं. इससे पूर्व जब जब प्रशासनिक सहयोग मिला था, तब तीन वर्षों में लगभग 175 बोरीबांध बनाए गए थे. खूंटी के बोरीबांध मॉडल की प्रसंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 101 एपीसोड में कर चुके हैं. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉच अवार्डव जलशक्ति अवार्ड मिल बोरीबांध के इस मॉडल को मिला है. चुकि ग्रामीणों को इससे सीधे तौर पर फायदा पहुंचता है, इस कारण श्रमदान कर बोरीबांध बनाने में पूरा गांव सामने आता है. राष्ट्रीय स्तर पर जल संचयन व जल संरक्षण के लिए बोरीबांध को बेहतर उपाय माना गया है.
जामटोली व घाघरा के मध्य बने बोरीबांध में श्रमदान करने वालों में राहुल महतो, सूरज कर, जगन्नाथ मुंडा, बसंत मुंडा, हराधन मुंडा, माधुरी मुंडा, रघुनाथ मुंडा, दीपेश अधिकारी, महेंद्र मुंडा, सुखराम मुंडा, नीलुंग मुंडा, चैतू पाहन, शिवकुमार महतो, मागो मुंडा, सिंगराय मुंडा, सुखराम मुंडा, कैलाश मुंडा, सोमा मुंडा, हेमेश्वरी देवी, सुसारी देवी, अनिता संगा, सुमित्रा देवी, उर्मिला देवी, फुलमनी देवी, पिंकी देवी, मंगरी देवी, सुनीता देवी समेत जामटोली व घाघरा के ग्रामीणों का महत्वपुर्ण योगदान रहा.