प्रशांत शर्मा/न्यूज 11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) ने सभी साझेदार संगठनों के सहयोग से राज्यव्यापी रीडिंग कैम्पेन – “मेरी किताब, मेरी कहानी” की शुरुआत की है. यह पहल राज्य के प्रमुख कार्यक्रम “मेरा विद्यालय निपुण – मैं भी निपुण” का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
राज्यस्तर पर यह अभियान 15 अगस्त से 10 सितम्बर तक चलाया जा रहा है. इस दौरान झारखंड के 24 जिलों के 35,000 विद्यालयों के बच्चे विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेंगे. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों में पठन आदत को प्रोत्साहित करना और पढ़ाई को रोचक एवं आनंददायक बनाना है.
इस राज्यव्यापी अभियान को रूम टू रीड, यूनिसेफ, भारती एयरटेल फाउंडेशन, सम्पर्क फाउंडेशन, प्रारंभ एजुकेशन फाउंडेशन, पिरामल फाउंडेशन, उगम एजुकेशन फाउंडेशन, प्रतिज्ञा, चेंजइंक फाउंडेशन, लीपफॉरवर्ड, आईसीआरडब्ल्यू, क्वेस्ट एलायंस, विक्रमशिला, ड्रीम-ए-ड्रीम, एजुकेशन इनिशिएटिव (Ei), और CInI-टाटा ट्रस्ट जैसे प्रतिष्ठित संगठनों का सहयोग प्राप्त हो रहा है.
हजारीबाग में शुभारंभ
हजारीबाग जिले में अभियान का शुभारंभ उपायुक्त श्री शशि प्रकाश सिंह ने किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा –
“यह अभियान बच्चों में पढ़ने की रुचि को और अधिक बढ़ाएगा तथा छोटे बच्चों में पठन संस्कृति को विकसित करेगा.”
जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) श्री प्रवीण कुमार रंजन एवं जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) श्री आकाश कुमार ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने सभी साझेदार संगठनों से अपील की कि वे अपने-अपने विद्यालयों में जिला प्रशासन द्वारा संचालित ‘My Book My Story’ एवं ‘Read-a-thon’ को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग करें.
इस अवसर पर जिला प्रभारी कार्तिक मुखर्जी, रूम टू रीड ने कहा –
“रोज़ बच्चों को बाल साहित्य के साथ समय बिताना उनकी समझ बढ़ाने में काफ़ी मददगार साबित होता है. कहानियाँ संवाद की सबसे पुरानी विधाओं में से एक हैं. कहानियों के माध्यम से छोटे बच्चों से उनके आस-पास की दुनिया पर सरल तरीक़े से बात की जा सकती है. जिन बच्चों को छोटी उम्र में नियमित रूप से कहानियाँ पढ़कर सुनाई जाती हैं और पढ़ाई जाती हैं, उनकी शब्दावली और भाषा कौशल कहीं अधिक मज़बूत देखी जाती है.”