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रांची/डेस्कः- झारखंड हाईकोर्ट में रिम्स से जुड़े मामले पर चल रही सुनवाई के बीच, भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री इरफ़ान अंसारी पर गंभीर आरोप लगाए. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह का कहना था कि झारखंड को नए रिम्स भवन की नहीं, बल्कि नए स्वास्थ्य मंत्री की आवश्यकता है. उन्होंने रिम्स निदेशक द्वारा हाईकोर्ट में दायर शपथ पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन समय पर आवश्यक उपकरणों की खरीद की सिफारिश करता है, लेकिन मंत्री सभी फाइलों को लंबे समय तक रोककर रखते हैं.
भाजपा की ओर से प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, रिम्स ट्रॉमा सेंटर के लिए अत्याधुनिक आईसीयू बेड की खरीद संबंधी फाइल को मंत्री ने 150 दिनों तक लंबित रखा. इसी तरह, बच्चों के उपचार में आवश्यक चिल्ड्रेन सीपीआर मेकैनिक एडवांस उपकरण की फाइल 60 दिनों बाद वापस की गई. जहां अक्सर शिशु मृत्यु की खबरें आती रही हैं, वहां नियोनेटल वेंटिलेटर की फाइल को 43 दिनों तक रोके रखा गया. यहाँ तक कि एमजीएम अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद भी, रिम्स के फायर फाइटिंग सिस्टम से जुड़ी फाइल को 50 दिनों तक आगे नहीं बढ़ाया गया.
पार्टी की ओर से यह भी कहा गया कि मंत्री का अधिकतर समय रील बनाने और पूरे राज्य के मामलों में हस्तक्षेप करने में निकलता है, जबकि अपने ही विभाग को लेकर उनकी कोई सक्रियता नहीं दिखती. भाजपा ने आरोप लगाया कि फाइलों को रोकना किसी व्यस्तता का नतीजा नहीं, बल्कि कथित कमीशन के खेल का हिस्सा है. स्वास्थ्य मंत्री इरफ़ान अंसारी पर यह आरोप लगाया गया कि वे तब तक फाइलों को मंजूरी नहीं देते, जब तक उनके मनपसंद वेंडर का चयन न हो जाए.
भाजपा ने यह भी तंज कसा कि पहले बन्ना गुप्ता और अब इरफ़ान अंसारी — कांग्रेस ने जैसे झारखंड को अपना “एटीएम” बना रखा है, और इसी सिलसिले में सरकार को लगातार दो भ्रष्ट स्वास्थ्य मंत्री मिले हैं. पार्टी के अनुसार, झारखंड को इस समय नए रिम्स भवन से ज्यादा जरूरत एक ईमानदार और जिम्मेदार स्वास्थ्य मंत्री की है.