प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग के आदिवासी छात्रवास में विश्व आदिवासी दिवस की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता अजय टोप्पो ने की. बैठक में आदिवासी केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष महेंद्र बेक, सचिव सुनील लकड़ा, आदिवासी छात्र संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष सुशील ओड़िया, आदिवासी समाज के संयोजक रमेश कुमार हेम्ब्रोम, रवि लिंडा, और ऑल संथाल स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष मनोज टुडू मुख्य रूप से उपस्थित थे. बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्व आदिवासी दिवस को हजारीबाग के अखरा धूमकुड़िया भवन में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. इस आयोजन में जिला भर के सभी प्रखंडों से लोगों को आमंत्रित किया गया है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय होंगी, जो इस विशेष अवसर की गरिमा बढ़ाएंगी. बैठक में जितवाहन भगत, अमीन कुजूर, प्रकाश होनहागा, बिरसा मुण्डा, प्रतिमा उरांव, पायल तिर्की, प्रमिला मुर्मू, बिष्णु मुण्डा, सुरेश हँसदा सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल थे. सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और इस अवसर को विशेष बनाने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लिया.
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इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आदिवासी नृत्य, संगीत, और परंपरागत खेल शामिल होंगे. इस अवसर पर आदिवासी समुदाय के इतिहास और संस्कृति पर विशेष व्याख्यान भी दिए जाएंगे, ताकि नई पीढ़ी अपनी विरासत से जुड़े रह सके और गर्व महसूस कर सके. विश्व आदिवासी दिवस आदिवासी समुदाय की पहचान, संस्कृति, और अधिकारों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य आदिवासी समुदाय की उपलब्धियों को सम्मानित करना और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना है. यह आयोजन न केवल आदिवासी समुदाय के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एकजुटता और समरसता का संदेश है.
इस बैठक के बाद, आयोजकों ने जोर देकर कहा कि सभी सदस्य और स्थानीय समुदाय इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ तैयारी करें. यह दिवस न केवल आदिवासी समुदाय की संस्कृति और परंपराओं को सहेजने का अवसर होगा बल्कि समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करेगा.
विश्व आदिवासी दिवस 2024 का यह आयोजन हजारीबाग में एक ऐतिहासिक और यादगार कार्यक्रम बनने की पूरी उम्मीद है, जो आदिवासी समाज की समृद्ध विरासत का सम्मान करेगा और उनकी पहचान को सशक्त बनाएगा.