न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः रांची संसदीय क्षेत्र झारखंड के महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. इस संसदीय क्षेत्र को सरायकेला-खरसावां और रांची जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है. सूबे की राजधानी की इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होती रहती है. रांची लोकसभा सीट के अन्तर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें इचागढ़, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया, कांके विधानसभा सीटें शामिल हैं. इसमें कांके विधानसभा सीट अनुसूचित जाति और खिजरी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.
संजय सेठ और यशस्विनी सहाय के बीच सीधी टक्कर
इस बार इस सीट के लिए बीजेपी ने फिर से संजय सेठ को टिकट देकर उनमें अपना भरोसा जताया है जबकि कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को टिकट देकर भरोसा जताया है इस सीट पर बीजेपी के वर्तमान सांसद संजय सेठ और कांग्रेस की यशस्विनी सहाय के बीच मुख्य लड़ाई मानी जा रही है. इन दोनों प्रत्याशी के साथ रांची से में कुल 27 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं.
रांची सीट पर जो जीतता उसी की केंद्र में बनती है सरकार
आप इसे महज संयोग कहें या टोटका पर सच्चाई यही है कि झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से जिस पार्टी का उम्मीदवार रांची लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है उनकी ही दिल्ली में सरकार बनी है. 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य गठन के बाद वर्ष 2004, 2009, 2014, 2019 में लोकसभा चुनाव हुए. इन सभी लोकसभा चुनाव में जिस पार्टी के उम्मीदवार ने रांची लोकसभा सीट पर जीत हासिल की, उनकी पार्टी ने केंद्र में सरकार बनाई है.
पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर्स की संख्या 27,786 ज्यादा
बात करें रांची लोकसभा सीट पर मतदाताओं का तो यहां पर कुल 21 लाख 97 हजार 331 मतदाता हैं. जिसमें पुरुष वोटर्स 10 लाख 84 हजार 738 और महिला मतदाता की संख्या 11 लाख 12 हजार 524 है. यानी पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर्स की संख्या 27,786 ज्यादा है.