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रांची/डेस्क: एक इंस्टाग्राम पोस्ट से देशभर में सुर्खियों में आई शर्मिष्ठा पनोली अब विवादों के केंद्र में हैं. सोशल मीडिया पर मशहूर यह कंटेंट क्रिएटर शुक्रवार 30 मई को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार कर ली गई. मामला उनके एक इंस्टा पोस्ट से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी की थी.
22 वर्षीय शर्मिष्ठा पनोली ने पोस्ट वायरल होने के बाद उसे डिलीट कर दिया और सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी. उन्होंने लिखा "बिना शर्त मैं माफी मांगती हूं. पोस्ट में जो भी लिखा गया था, वह मेरी निजी भावनाएं थी और मेरा उद्देश्य किसी को जानबूझकर ठेस पहुंचाना नहीं था. अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मुझे खेद है. मैं समझदारी और सहयोग की अपेक्षा करती हूं.” आगे उन्होंने यह भी कहा, “मैं अब से अपने सार्वजनिक पोस्ट में अधिक सावधानी बरतूंगी. फिर से, मेरी माफी स्वीकार करें.”
कौन है शर्मिष्ठा पनोली?
शर्मिष्ठा पनोली एक जानी मानी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं. जिनके इंस्टाग्राम पर 90 हजार और X पर 85 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. इसके अलावा वो पुणे की सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रही है और मूल रूप से कोलकाता के आनंदपुर इलाके की निवासी हैं.
क्या था पूरा मामला?
बताते चले कि, शर्मिष्ठा पनोली ने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चुप्पी साधने को लेकर सवाल उठाए थे. जिसके बाद इस पोस्ट पर AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान समेत कई लोगों ने आरोप लगाया कि शर्मिष्ठा ने सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश की हैं. जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.
किन धाराओं में हुई गिरफ्तारी?
शर्मिष्ठा के खिलाफ कोलकाता में केस दर्ज किया गया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा लेकिन वह परिवार सहित फरार हो गई. आखिर में कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद शुक्रवार 30 मई को उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया.
मिली जानकारी के अनुसार, शर्मिष्ठा पर BNS (भारतीय न्याय संहिता) की कई धाराएं लगाई गई हैं. उनपर:
धारा 196(1)(ए)- धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना
धारा 299- धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किए गए कार्य
धारा 353(1)(सी)- सार्वजनिक शरारत को उकसाने वाले बयान
धारा 352- शांति भंग करने की संभावना वाला जानबूझकर अपमान