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रांची/ डेस्क: इन दिनों देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले काफी सामने आ रहे हैं जिसकी वजह से काफी लोग असमंजस में हैं कि आखिर ये कैसा अरेस्ट है, किस तरह का जाल हैं? डिजिटल अरेस्ट एक ऐसा साइबर फ्रॉड है जिसमें फ्रॉड करने वाला शख्स आपको अरेस्ट का डर दिखा आपको आपके घर में ही कैद करके रखते हैं. ऐसे में fraudster video call जैसे अन्य online जरियों से अपना बैकग्राउंड पुलिस स्टेशन की तरह बना लेते हैं, जिसे देखकर लोग डर जाते है और डर के वजह से उसकी बातों में आ जाते हैं.
जब बात जमानत की आती है तो फ्रॉडस्टर आपके साथ स्कैम करना शुरू करते हैं. फ्रॉडस्टर विक्टिम को न तो वीडियो कॉल से हटने देता है ना किसी से कॉन्टेक्ट करने देता हैं. विक्टिम को उसके घर में ही अरेस्ट कर दिया जाता है, उसे ये कहकर डराया जाता है कि उसके आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी काम के लिए हुआ है जिससे विक्टिम डर जाते हैं.
इससे बचाव के तरीके:
पुलिस या कोई भी एजेंसी आपको कभी कॉल या धमकी नहीं देते हैं और साथ ही Investigation agency या पुलिस लीगल प्रोसेस के साथ कार्रवाई करती है. अगर कभी भी इस तरह की डराने-धमकाने वाले कॉल आते है तो आप बिना डरे किसी लोकल पुलिस स्टेशन जाएं और शिकायत दर्ज करवाएं. इसके अलावा 1930 (National Cybercrime Helpline Number) पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. इसके साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर @cyberdost के जरिए भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
साइबर स्कैम करने वाले किसी को भी अपने जाल में फंसा सकते हैं जिससे बचने के लिए अपना और अपने डेटा की सेफ्टी का ध्यान रखें. किसी भी अनजान सोर्स से आए हुए लिंक पर कभी भी क्लिक ना करें, अनजान फोन कॉल पर अपनी पर्सनल डिटेल्स देने से बचें. हमेशा पर्सनल डेटा और किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन प्लेटफॉर्म पर मजबूत पासवर्ड लगाकर रखें. कोई भी थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड ना करें, साथ ही किसी भी अन-ऑफिशियल प्लेटफॉर्म से कुछ इंस्टाॉल ना करें.
साथ ही अपने device को अपडेटेड रखें और सभी ऐप्स को अपडेट रखें. इस तरीके से आप अपने आपको digital arrest जैसे बड़े fraud से बचा सकते हैं.