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रांची/डेस्क: ज्योतिषशास्त्र में अंकों का खास महत्व होता है. कोई-कोई किसी-किसी के लिए बेहद भाग्यशाली और खास होता है. ऐसा ही एक नम्बर एयर इंडिया हादसे के शिकार हुए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के लिए भी था. लेकिन यह कैसी विडम्बना है कि जिस अंक को विजय रूपाणी बेहद लकी मानते थे. वही अंक उनके अंतिम सफर का गवाह बन गया. विजय रूपाणी की मृत्यु 12 जून यानी 1206 को ही हुई है. वह अपनी पत्नी और बेटी से मिलने के लिए अहमदाबाद से लंदन के लिए निकले थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि वह सफर उनका अंतिम सफर बनने वाला है.
विजय रूपाणी क्यों मानते थे 1206 को लकी नम्बर?
विजय रूपाणी 1206 नम्बर को काफी लकी मानते थे, इस नंबर को वह अपने जीवन का सौभाग्य मानते थे। उनके वाहनों के नम्बर 1206 तो थे ही, उनके मोबाइल के अंतिम चार नम्बर भी 1206 थे. हालांकि यह बात तो सामने आ रही है कि विजय रूपाणी को 1206 नम्बर से बेहद लगाव था, लेकिन इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर इस नम्बर से उन्हें लगाव क्यों था. वैसे देखा जाये तो यह कोई बड़ा बात नहीं है. जीवन में ऐसा कई बार होता है कि कोई व्यक्ति, कोई वस्तु या कोई नम्बर किसी के लिए बेहद प्रिय हो जाता है और वह फिर उसका जीवन का एक अहम हिस्सा बन जाता है, हो सकता है कि पूर्व सीएम विजय रूपाणी के लिए ही कुछ ऐसा हो. परन्तु अब तो यह सत्य बन गया है कि 1206 को शुभ नम्बर मानने वाले विजय रूपाणी के लिए 1206 (12 जून) अशुभ नम्बर भी बन गया है.
विजय रूपाणी की अंतिम यात्रा के विजय में जो जानकारी सामने आ रही है, वह यह है कि विजय रूपाणी ने लंदन जाने के लिए पहले भी टिकट करवाया था, लेकिन उन्होंने दो बार टिकट कैंसल करवाया था. मगर हुआ वही, 'जो राम रचि राखा', रूपाणी ने तीसरी बार टिकट कन्फर्म हुआ तो 12.06 यानी 12 जून को और.... आगे की कहानी सबके पता है.
12 नम्बर का एक और कनेक्शन गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री के इस अंतिम सफर में 12 नम्बर बहुत गहरे से जुड़ा रहा. लकी नम्बर 1206, 1206 को यात्रा, कारों का नम्बर, 1206, बोर्डिंग टाइम 1210, टिकट सीरियल नम्बर 12, सीट नम्बर 12.