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रांची/डेस्क: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर भारतीय सेना के अटैक के बाद जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे-वैसे उनकी सचाई की परतें भी खुलती जा रही है. इस बार तो खुद पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने ही बड़ी सच्चाई का खुलासा किया है. इशाक डाल ने स्वीकार किया कि भारत की ओर से पाकिस्तान के दो प्रमुख हवाई ठिकानों को निशाना बनाया था. जबकि इससे पहले पाकिस्तान लगातार भारतीय हमले में किसी भी क्षति को नकारता रहा है. इधर विपक्षी राजनीतिक दल बार-बाल केन्द्र सरकार से हमले की सच्चाई जानना चाह रहे थे. सचाई को जानने के लिए भारत में विपक्ष ने संसद के विशेष सत्र तक की मांग भी कर दी थी. लेकिन अब पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भारतीय विपक्ष को भी इसका जवाब दे दिया है.
इशाक डार ने साफ कहा कि भारतीय सेना के हमलों के बाद ही इस्लामाबाद ने संघर्ष विराम का अनुरोध भारतीय सरकार से किया था. इशाक एक टीवी शो में भारतीय हमलों की सचाई बयां कर रहे थे. डार ने यह भी स्वीकार किया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद ही भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था और उसी के तहत रावलपिंडी और पंजाब प्रांत में स्थित नूर खान और शोरकोट एयरबेस पर हमला किये थे.
इशाक डाल ने उगली सीजफायर की सचाई
टीवी शोक के दौरान इशाक डार ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कैसे हुई यह राज भी बताया. उन्होंने कहा, हमलों के दौरन सऊदी प्रिंस फैसल का फोन आया. उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री) मार्को रुबियो के साथ बातचीत का हवाला देकर बताया कि उन्हें (इशाक डार) को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात करने के लिए अधिकृत किया गया है. इशाक डार के अनुसार, सऊदी प्रिंस फैसल ने जयशंकर को भी इस बात की इत्तेला दे दी.
हालांकि अपने टीवी शोर में डार भारतीय जेट को नुकसान पहुंचने की बात भी कही, जबकि अपने एक विमान के मामूली नुकसान की बात कही. लेकिन विमानों से सम्बंधित ज्यादा जानकारी वह नहीं दे पाये.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प से जता चुके हैं आपत्ति
प्रधानमंत्री जब जी7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा दौरे पर थे. तब उनकी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की फोन पर 35 मिनट बात हुई थी। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया भर में फैलायी गयीं गलतफहमियों पर भी उनकी बात हुई. मोदी ने ट्रम्प से साफ-साफ शब्दों में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का व्यर्थ का श्रेय लेने का प्रयास अमेरिका नहीं करे. पीएम मोदी ने तो व्यापार सहमति और टैरिफ को लेकर अमेरिका द्वारा दिये और बदले गये बयानों पर भी कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें खारिज किया था.
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