देश-विदेशPosted at: जून 20, 2025 21 जून योग दिवस: सूर्य नमस्कार तो आपने जानते हैं, अब कीजिये चन्द्र नमस्कार
28 आसनों से तन बनता मजबूत, मन को मिलती शांति

न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: शनिवार यानी 21 जून को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जायेगा.अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के इस मौके पर हम आपके लिए एक ऐसा योग आसन लाये हैं, जिसके बारे में आपने शायद ही सुना होगा. आपने सूर्य नमस्कार तो सुना ही होगा, लेकिन आज हम आपको चन्द्र नमस्कार के बतायेंगे. सूर्य नमस्कार जिस प्रकार सुबह किया जाता है, उसी प्रकार चन्द्र नमस्कार शाम को किया जाता है. जिस तरह से सूर्य नमस्कार और चन्द्र नमस्कार करने के समय में अन्तर होता है, उसी तरह इसके मिलने वाले फायदे भी अलग हैं. सूर्य नमस्कार शरीर को मजबूती प्रदान करता है, वहीं चन्द्र नमस्कार शरीर को शीतल और मन को शांत रखता है. आपने खिलाड़ियों को देखा होगा. खिलाड़ी मैच से पहले वार्मअप करते हैं और मैच खत्म होने के बाद शरीर कूल डाउन करने वाले आसन करते हैं. बस, ऐसा ही अन्तर है सूर्य नमस्कार और चन्द्र नमस्कार में. चंद्र नमस्कार में कुल 28 आसन होते हैं. प्रत्येक आसन में श्वास को नियंत्रित करने का प्रयास होता है. जिसमें सांस लेने और छोड़ने की क्रिया होती है.
चन्द्र नमस्कार की मुद्राएं
- प्रणामासन – इसे प्रार्थना या नमस्ते मुद्रा कहते हैं
- हस्त उत्थानासन – इसमें उठे हुए हाथ की मुद्रा होती है
- पाद हस्तासन – हाथ से पैर की मुद्रा
- अश्व संचलानासन – यह घुड़सवार जैसी मुद्रा होती है
- अर्ध चंद्रासन – अर्ध चंद्र मुद्रा
- पर्वतासन – यह जैसी पर्वत मुद्रा है
- अष्टांग नमस्कार – 8 शारीरिक अंग मुद्रा
- भुजंगासन – कोबरा मुद्रा
- पर्वतासन – पर्वत मुद्रा
- अश्व संचलानासन – घुड़सवारी मुद्रा
- अर्ध चंद्रासन – अर्ध चंद्र मुद्रा
- पाद हस्तासन – हाथ से पैर की मुद्रा
- हस्त उत्थानासन – उठे हुए हाथ की मुद्रा
- प्रणामासन – प्रार्थना मुद्रा/नमस्ते मुद्रा
ये 14 आसन जब पूर्ण हो जाता है तब इसे उल्टे क्रम में दोहराया जाता है. बता दें 28 आसन चंद्र मास के 28 दिनों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
चंद्र नमस्कार के लाभ
- शरीर में ऊर्जा (बाएं भाग, चंद्र ऊर्जा) को बढ़ाता है
- शरीर और मन में शांति और कोमलता लाता है
- हृदय चक्र को खोलता है और चिंता को दूर करता है
- अंतःस्रावी स्तर पर, यह एस्ट्रोजन उत्पादन को बढ़ाता है
- एस्ट्रोजन का बढ़ा हुआ स्तर मासिक धर्म को संतुलित करने और हृदय को मजबूत बनाने में मदद करता है
- पीसीओएस, एंडोमेट्रियोसिस और बांझपन से उबरने में मददगार
- क्रोध और अहंकार को कम करता है
- संपूर्ण प्रजनन प्रणाली को मजबूत करता है
- रीढ़ की हड्डी की मुद्रा में सुधार करता है और पीठ के झुके हुए हिस्से (काइफोसिस) को कम करता है
- रक्तचाप (उच्च रक्तचाप) को कम करता है