न्यूज 11 भारत
किशनगंज/डेस्क: किशनगंज जिले में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है. इसके लिए पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ने RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा है. AIMIM ने कहा कि सेकुलर वोटों का बिखराव रोकने के लिए उनका गठबंधन में शामिल होना जरूरी है.
ईमान ने कहा कि वोटों के बंटवारे से सांप्रदायिक ताकतों को फायदा होता है. इसे 2025 के चुनाव में रोकना जरूरी है. उन्होंने बताया कि AIMIM ने 2020 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन का हिस्सा बनने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी. अब फिर पार्टी ने गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है.
AIMIM का सीमांचल क्षेत्र में खासा प्रभाव है. 2020 में पार्टी ने यहां पांच सीटें जीती थीं. बाद में चार विधायक RJD में शामिल हो गए थे. पार्टी नेताओं का कहना है कि गठबंधन से सेकुलर ताकतों को मजबूती मिलेगी. इससे NDA को सत्ता में आने से रोका जा सकेगा.
RJD की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. सूत्रों के मुताबिक, लालू और तेजस्वी यादव इस प्रस्ताव पर सतर्कता से विचार कर रहे हैं. वहीं, AIMIM ने साफ किया कि अगर महागठबंधन की ओर से प्रस्ताव पर विचार नहीं हुआ या कोई सार्थक पहल नहीं हुई, तो तीसरा गठबंधन बनाया जाएगा. यह गठबंधन सेकुलर ताकतों के खिलाफ चुनाव में मजबूती से खड़ा होगा.
ईमान ने कहा कि वह मंदिर का मुसाफिर हैं. अगर आगे वाली गाड़ी नहीं मिलेगी तो पीछे वाली गाड़ी में सवार होना पड़ेगा. बिहार में सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए यह जरूरी है. अगर महागठबंधन के लोग यह नहीं समझेंगे तो थर्ड फ्रंट का विकल्प उनके पास है. इसके जरिए सांप्रदायिक ताकतों को रोका जाएगा.
थर्ड फ्रंट में कौन-कौन दल शामिल हो सकते हैं, इस सवाल पर ईमान ने कहा कि अभी इसका खुलासा करने का वक्त नहीं है. समय आने पर सबको जानकारी हो जाएगी.
मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण पर ईमान ने कहा कि यह कहीं न कहीं एनआरसी को चोर दरवाजे से लागू करने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि वे इसका विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए समय बढ़ाया जाना चाहिए. इस विधानसभा चुनाव को इससे दूर रखा जाना चाहिए.
ईमान ने कहा कि सीमांचल का इलाका ऐसा है, जहां से बड़ी संख्या में लोग बाहर काम करते हैं. बच्चे दूसरे प्रदेशों में पढ़ाई करते हैं. उनके लिए इतने कम समय में आना संभव नहीं है. ऐसे में उनका नाम मतदाता सूची से कट सकता है. उनकी नागरिकता पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं. इसलिए इसके लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए. साथ ही आवश्यक सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया को सरल और तेज किया जाना चाहिए.