अरुण कुमार यादव/न्यूज 11 भारत
गढ़वा/डेस्क: गढ़वा-लातेहार जिला के सीमा पर स्थित बहुप्रतीक्षित परियोजना मंडल डैम की कार्य प्रारंभ को लेकर आज गढ़वा जिले के उपायुक्त दिनेश कुमार यादव एवं पुलिस अधीक्षक अमन कुमार अपर समहर्ता राज महेश्वरम के साथ पलामू टाइगर रिजर्व के ड्यूटी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना ने मंडल डैम पहुँचकर निरीक्षण किया.यह परियोजना झारखंड और बिहार के खेतों को पानी देने के उद्देश्य से करीब 53 वर्ष पहले पलामू टाइगर रिजर्व के कुटकू वन प्रक्षेत्र में शुरू की गयी उत्तर कोयल जलाशय परियोजना मंडल डैम के निर्माण कार्य पूरा होने की एक बार फिर उम्मीद जग गई है.
सरकार के दिशा निर्देश पर पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने जिला प्रशासन के सहयोग से मंडल डैम क्षेत्र से विस्थापित होनेवाले आठ गांवों के लगभग 900 परिवारों के पुनर्वास हेतु भूमि को चिह्नित कर उसका सर्वे कर लिया है. विस्थापित होनेवाले गांव में गढ़वा जिले के कूटकू,चेमो,सनेया भजना,खैर और खुरा एवं लातेहार जिले के 2 गाँव का नाम शामिल है.
इन सभी गांवों में 900 परिवार हैं. पीटीआर प्रबंधन को उम्मीद है कि इस क्षेत्र के निवास करनेवाले सभी परिवारों को सफलता पूर्वक अन्य जगहों पर पुनर्वासित कर लिया जायेगा.वहीं उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने बताया कि मंडल डैम को लेकर केंद्र और राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही हैं. इसको लेकर सरकार काफी पैसे भी खर्च कर रही है. किंतु किसी कारणों से यह परियोजना अभी तक चालू नहीं हो पाई है. इसी को देखते हुए हम लोग यहां निरीक्षण करने आए हैं. ताकि यह जान सके की किन कारणों से यह परियोजना अभी तक रुका हुआ है. इसको लेकर के वहां के गांव वालों से लगातार बात चल रही है. विस्थापित लोगों के लिए विश्रामपुर क्षेत्र में स्थल का चुनाव किया गया है. वहां उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा.
आने वाले एक दो सालों के अंदर इस डैम को हमलोग शुरू कराने का पूरा प्रयास करेंगे, ताकि जिस उद्देश्य इस डैम का निर्माण कराया गया था उसको पूरा किया जा सके. यह परियोजना सभी के लिए लाभप्रद साबित होगा.साथ ही पीटीआर प्रबंधन के अधिकारियों का दावा है कि डूब क्षेत्र के लोगों पुनर्वासित करने के लिए जिस स्थान को चिह्नित किया गया है, वह उनके लिए काफी उपयुक्त है एवं सभी परिवारों को दो किस्तों में 15 लाख और एक एकड़ जमीन दी जायेगी.
जानकारी देते हुए पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना ने न्यूज 11 भारत के साथ बात करते हुए कहा कि सिर्फ लोगों को जागरूक करने की जरूरत है किसी राजनीति के शिकार होने के बजाय लोगों को अपने विवेक से काम लेना चाहिये, क्योंकि यह परियोजना जहां वन और वन्य प्राणियों के लिए हितकारी है वही लोगों को भी इसका काफी लाभ मिलेगा.
यह परियोजना 1972 में शुरू हुई और वर्षों से बंद पड़ी रही इस परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच जनवरी 2019 को पलामू के चियांकी से किया था यह परियोजना 1622 करोड़ की लागत से बनना है,लेकिन इस परियोजना को अपेक्षित गति नहीं मिल सकी थी.हालांकि इस दौरान वन विभाग और सिंचाई विभाग के संयुक्त प्रयास से कई अड़चनों को दूर करने का प्रयास किया गया है वहीं चतरा सांसद कालीचरण सिंह और पलामू सांसद वीडी राम की ओर से इस मामले को लेकर सक्रियता दिखाई गई है.वहीं मंडल डैम के निर्माण पूर्ण हो जाने से पलामू टाइगर रिजर्व के बाघों और हाथियों के लिए उपयुक्त वातावरण मिल जायेगा.
छत्तीसगढ़ से झारखंड आने वाले बाघों का यह इलाका कॉरिडोर है अक्सर इन स्थलों से बाघों का आना जाना लगा रहता है यदि गांव को पुनर्वासित कर दिया जाता है तो बाघ स्वतंत्र रूप से इस इलाके में निवास करने लगेंगे वही पर्याप्त पानी के होने से हाथियों का भी जमावड़ा लगा रहेगा.वहीं गढ़वा एसपी अमन कुमार ने कहा की मंडल डैम कार्य प्रारम्भ होते ही सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था रहेगी पुलिस बल हमारा तैनात रहेंगे वहीं लातेहार जिले से भी पुलिस बल की तैनाती रहेगी और कार्य में किसी तरह का कोई सुरक्षा को लेकर समस्या नहीं आएगी!मंडल डैम निरीक्षण के दौरान पलामू ब्याघ्र परियोजना के उप निदेशक प्रजेश कांत जेना, गढ़वा के अपर समाहर्ता राज महेश्वरम, रंका के अनुमंडल पदाधिकारी रुद्र प्रताप, प्रखंड विकास पदाधिकारी भंडारिया अमित कुमार, अंचल अधिकारी भंडारिया राकेश भूषण सिंह सहित अन्य संबंधित प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे.