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रांची/डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए एनटीपीसी को रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश करने की मंजूरी दे दी है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने एनटीपीसी लिमिटेड को और अधिकार सौंपने की अनुमति दे दी है. यानी अब एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) में निवेश कर सकेगा. केन्द्रीय कैबिनेट ने इसके साथ एनजीईएल एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनआरईएल) और इसकी अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों के लिए स्वीकृत राशि 7,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये कर दी. ताकि नवीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में 2032 तक 60 गीगावाट का लक्ष्य हासिल कर सके.
एनटीपीसी और एनजीईएल के लिए केन्द्रीय कैबिनेट ने आज जो फैसले लिये हैं, उसका उद्देश्य बिजली के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना तो है ही, साथ ही पूरे देश को चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य है.
भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल की जा सके. वहीं, एनटीपीसी के लिए 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हालांकि भारत ने पूरे देश के लिए नेट जीरो का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, वह इन तमाम प्रयासों के बाद 2070 तक हासिल हो पायेगा.
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