प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत
बरवाडीह/डेस्क: क्षेत्र में हो रही मूसलधार बारिश ने रेलवे की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है. बरवाडीह रेलवे स्टेशन परिसर में जलजमाव, छतों से पानी टपकना और दीवारों की रिसाव जैसी समस्याएं गहराती जा रही हैं. सबसे चिंताजनक स्थिति एसएम ऑफिस, क्रू लॉबी और रेलवे कॉलोनी की है, जहां पानी से संबंधित समस्याएं कर्मचारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं. रेलवे कॉलोनी में कई आवासों की छतें टपक रही हैं और कमरों में पानी भर गया है. इससे वहां रह रहे रेलकर्मियों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्टेशन परिसर की हालत भी किसी आपदा से कम नहीं है. क्रू लॉबी की छत से टपकते पानी के चलते फॉल्स सीलिंग गिर चुकी है, वहीं दीवारें भी रिसाव के कारण जर्जर हो गई हैं.
लॉबी और एसएम ऑफिस में जलजमाव ने रेलकर्मियों के लिए कार्यस्थल को खतरे से भर दिया है.वर्तमान हालात में रेलकर्मी ड्यूटी तो निभा रहे हैं, लेकिन रिसती छतों और गिरती दीवारों के बीच जान जोखिम में डालकर. यह स्थिति सीधे-सीधे वरीय अनुभाग अभियंता (कार्य) की घोर लापरवाही को दर्शाती है. जब मौसम विभाग पहले से भारी वर्षा की चेतावनी जारी कर रहा था, तब इंजीनियरिंग विभाग ने जलनिकासी और मरम्मत को लेकर कोई अग्रिम तैयारी क्यों नहीं की?
क्या अधिकारी इन स्थितियों से अनजान थे या फिर इसे जानबूझकर नजरअंदाज किया गया? रेल संचालन प्रभावित होने की कगार पर है, और यह लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. जरूरत है कि रेलवे प्रबंधन पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे. साथ ही तत्काल मरम्मत कार्य शुरू कर कर्मचारियों को सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल मुहैया कराए.
बरसात बनी आफ़त - जनजीवन बेहाल, खेत तालाब में तब्दील
बरवाडीह प्रखंड समेत पूरे क्षेत्र में दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. जगह-जगह जलजमाव, सड़कें जलमग्न और नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है. कई घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोग घरों में ही कैद होकर रह गए हैं. प्रखंड के कई गांवों में मिट्टी के मकान गिरने की सूचना है. हालांकि जान-माल की क्षति नहीं हुई, लेकिन ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे, जिससे दुकानदार भी परेशान हैं. स्कूली बच्चों की स्थिति बेहद चिंताजनक है. बारिश के बीच भीगते हुए स्कूल जाना बच्चों की सेहत पर असर डाल रहा है. बिजली की कड़क और लगातार बारिश ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. सबसे अधिक मार किसानों पर पड़ी है. खेतों में पानी भर जाने से बोआई कार्य ठप हो गया है. अधिकांश खेत तालाब में तब्दील हो चुके हैं. अगर जल्द ही मौसम साफ नहीं हुआ, तो फसल की बुआई पर गंभीर असर पड़ेगा और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है.
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