वन विभाग द्वारा FC कंडीशन का उल्लंघन कर NTPC द्वारा सड़क मार्ग से कोयला परिवहन कराए जाने के मामले में दायर याचिका पर हुई सुनवाई
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: हजारीबाग जिले में पश्चिमी वन प्रमंडल द्वारा फॉरेस्ट कंडीशन का उल्लंघन करवा एनटीपीसी को सड़क मार्ग से कोयला ट्रांसपोर्टेशन करवाए जाने के मामले में आज एनजीटी के कोलकाता ब्रांच के प्रिंसिपल बेंच में सुनवाई हुई. कोर्ट में पीसीसीएफ झारखंड, पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उपयुक्त हजारीबाग के द्वारा दायर याचिका पर जवाब नहीं दिए जाने पर काफी नाराजगी व्यक्त किया गया. उनके अधिवक्ताओं के द्वारा समय मांगे जाने पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए मौखिक रूप से यह कहा कि अगर आप जल्द से जल्द जवाब नहीं देते हैं तो आपके ऊपर जुर्माना भी लगाएंगे. ज्ञात होकर 8 मई को एनजीटी के प्रिंसिपल बेंच नई दिल्ली में शनिकांत उर्फ मंटू सोनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कोलकाता ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था. परंतु अब तक राज्य सरकार के द्वारा कोई जवाब नहीं दिए जाने से काफी नाराजगी व्यक्त किया किया.
मानव जीवन और वन्य जीवों को हो रहे नुकसान को लेकर दायर किया गया था याचिका
भारत सरकार के फॉरेस्ट क्लीयरेंस में यह स्पष्ट शर्त है कि एनटीपीसी को कन्वेयर सिस्टम से रेलवे साइडिंग तक कोयला ट्रांसपोर्टेशन करना है, परंतु एनटीपीसी के द्वारा पर्यावरणीय शर्तों में संशोधन करवा कर सड़क मार्ग से कोयला ट्रांसपोर्टेशन करवाया जा रहा था और वन विभाग चुप बैठा था. जिसके कारण वन्य जीवों का संतुलन बिगड़ गया था और अब तक दर्जनों व्यक्तियों की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो चुकी थी. जिसको लेकर एक्टिविस्ट शनि कांत उर्फ मंटू सोनी ने वन विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए एनजीटी में याचिका दायर किया था. दायर याचिका में कहा गया था कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस का शर्तों का उल्लंघन वन विभाग के अधिकारी एनटीपीसी सांठगांठ से करवा रहे हैं और भारत सरकार और राज्य सरकार के कई पत्रों का जवाब पीसीसीएफ के द्वारा नहीं दिया जा रहा है. फॉरेस्ट क्लियरेंस का उल्लंघन वन विभाग के अधिकारी करवा रहे हैं. जिसके बाद एनजीटी के प्रिंसिपल बेंच नई दिल्ली द्वारा पीसीसीएफ झारखंड, पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उपायुक्त हजारीबाग को प्रतिवादी बनाया था.
वन विभाग के अधिकारी FC कंडीशन के उल्लंघन के पक्ष में बनाते हैं रिपोर्ट और जांच कमिटी की रिपोर्ट दबा कर बैठे हैं
एनजीटी के कोलकाता बेंच के प्रिंसिपल बेंच में सुनवाई के दौरान याचिका कर्ता शनि कांत उर्फ मंटू सोनी ने कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस के शर्तों का उल्लंघन हजारीबाग के पश्चिमी वन प्रमंडल के अधिकारियों द्वारा जानबूझकर करवाया जा रहा है उसके लिए विभाग को झूठा रिपोर्ट बनाते हैं और वन संरक्षक हजारीबाग के द्वारा दो सदस्य जांच कमेटी की रिपोर्ट को दबाकर रखा गया है वन विभाग के वरीय अधिकारी भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लेते हैं. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार का जवाब आने के बाद सभी बातों को रखने का निर्देश याचिका कर्ता को दिया.