झारखंडPosted at: मई 10, 2025 राज्य अनाबद्ध की राशि से राज्य में खराब पड़े चापानलों की होगी मरम्मती, योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने दिया निर्देश
राज्य में कुल 74500 चापानल खराब, चापानल मरम्मती के लिए अनाबद्ध की 259 करोड़ रुपए की स्वीकृति

न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना एवं विकास विभाग के द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों के लिए 259 करोड़ रुपए अनाबद्ध की राशि कर्णांकित कर दी गई है. योजना एवं विकास विभाग मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के सामान्य क्षेत्र तथा जनजातीय क्षेत्रीय उपयोजना के लिए कुल 259 करोड़ अनाबद्ध की राशि स्वीकृत कर दी गयी है. जिला योजना अनाबद्ध की राशि से पूर्व की स्वीकृत योजनाओं में दायित्वों का भुगतान करने तथा शेष बची राशि से जिलों के महत्वपूर्ण अन्तराल (Critical Gap) की योजनाओं पर व्यय करने का निर्देश दिया गया है. योजना मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिला योजना अनाबद्ध की राशि से ली जाने वाली योजनाओं का अनुश्रवण संबंधित जिलों के उपायुक्त को जिला योजना पदाधिकारी के माध्यम से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि राज्य में व्याप्त पेयजल संकट को देखते हुए तत्काल अनाबद्ध की राशि से विभिन्न कारणों से खराब पड़े चापानलों की मरम्मति कराने पर नीतिगत फैसला लेने के लिए 02 मई 2025 को एक विभागीय बैठक की गई थी. बैठक में योजना विभाग के सचिव मुकेश कुमार, अपर सचिव गरिमा सिंह तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्य में पेयजल की व्यापक समस्या को देखते हुए बंद पड़े चापानलों की मरम्मती अनाबद्ध की राशि से युद्धस्तर पर कराने का निर्देश दिया था.
उक्त के आलोक में यह निर्णय लिया गया कि जिलों को आवंटित अनाबद्ध की राशि का कम से कम 15% राशि (अधिकतम की सीमा निर्धारित नहीं) का व्यय पेयजल आपूर्ति से संबंधित योजनाओं पर किया जा सकेगा. साथ ही जिलों को कुल आवंटित राशि का 15% राशि का व्यय शहरी क्षेत्रों में किया जाएगा. राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सूचना के अनुसार 01-04-2025 तक विभिन्न कारणों से बंद पड़े चापानलों की संख्या लगभग 74,500 है. सभी जिलों के उपायुक्त युद्धस्तर पर उन्हें उपलब्ध अनाबद्ध की राशि से बंद पड़े चापानलों की मरम्मति करायें ताकि पेयजल संकट को दूर किया जा सके. मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि पेयजल की समस्या को दूर करने हेतु जिले के उपायुक्त के द्वारा अनाबद्ध की राशि के उपयोग की समीक्षा वो स्वयं करेंगे.