सुरेन्द्र कुमार/न्यूज़11 भारत
गुमला/डेस्क: 14 अप्रैल 2025 को सिसई प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय परिसर में डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी रमेश कुमार यादव एवं प्रखण्ड कर्मचारियों के द्वारा प्रखण्ड परिसर में बने अंबेडकर वाटिका में उनकी मूर्ति के ऊपर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.
अंबेडकर जी की जयंती पर चर्चा करते हुए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने कहा, कि डॉ.बी.आर अंबेडकर जी का जन्म आज ही के दिन 14 अप्रैल 1891 ई को मध्य प्रदेश के महू में एक महार जाति परिवार में हुआ था. बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से मशहूर बी आर अंबेडकर एक अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री के रूप में पहचाने जाने वाले अंबेडकर जी का भारतीय गणराज्य की सम्पूर्ण अवधारणा के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान रहा है. देश के प्रति उनके योगदान और सेवा को सम्मान देने के लिए हर वर्ष 14 अप्रैल को उनका जन्मदिन मनाया जाता है.
अंबेडकर और उनके योगदान का इतिहास:-
अंबेडकर जी कानून और अर्थशास्त्र के एक प्रतिभाशाली छात्र एवं व्यवसायी थे. उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की. उन्होंने अर्थशास्त्र में अपनी मजबूत पकड़ का इस्तेमाल भारत को पुरातन मान्यताओं और विचारों से मुक्त करने के लिए किया. अछूतों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र बनाने की अवधारणा का विरोध किया और सभी के लिए समान अधिकारों की वकालत की. "सामाजिक बहिष्कृत जातियों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की", जिसमें गैर ब्राह्मण वर्ग के लोग शामिल थे. उन्होंने वंचित वर्गों के बारे में अधिक से अधिक लिखने के लिए पाँच पत्रिकाएं शुरू की: - मूकनायक, बहिष्कृत भारत, समता, जनता और प्रबुद्ध भारत. उन्होंने पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए अंग्रेजों द्वारा सुझाए गए पृथक निर्वाचन क्षेत्र का कड़ा विरोध किया. लंबी चर्चा के बाद पिछड़े वर्गों की ओर से अंबेडकर जी और अन्य हिन्दू समुदायों की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ता मदन मोहन मालवीय के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. पूना पैक्ट के नाम से मशहूर इस समझौते ने वंचित वर्ग के लोगों को विधानमंडल में 148 सीटें प्राप्त करने की अनुमति दी, जबकि ब्रिटिश सरकार ने 71 सीटें सुझाई थीं. इस वंचित वर्ग को बाद में भारतीय संविधान में "अनुचित जाति" और " अनुचित जनजाति" के रूप में मान्यता दी गईं. ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद अंबेडकर जी को पहला कानून और न्याय मंत्री बनने के लिए आमंत्रित किया गया. जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिए. बाद में उन्हें भारत के पहले संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए नियुक्त किया गया. जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया और इस तरह भारत का संविधान अस्तित्व में आया.
अंबेडकर जयंती क्यों मनाई जाती है?
भारत में डॉ बी आर अंबेडकर की जयंती इसलिए मनाई जाती है, ताकि भारतीय गरीबों के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया जा सके और उनका सम्मान किया जा सके. शिक्षा की आवश्यकता को फैलाने और निम्न आय वर्ग की वित्तीय स्थिति को समृद्ध करने के लिए उनके द्वारा बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की गई थी. देश में जातिवाद को खत्म करने के उद्देश्य से उनके द्वारा एक सामाजिक आंदोलन चलाया गया था. अपने कार्यकाल के दौरान निम्न वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी. वे जीवन भर समाज सुधारक और अर्थशास्त्री रहे.
इस कार्यक्रम में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के अलावे प्रधान सहायक राकेश कुमार सुमन, प्रखण्ड नाजिर सतीश कुमार गुप्ता, जनसेवक, पंचायत सचिव, कंप्यूटर ऑपरेटर तथा कई सारे गणमान्य एवं महिला पुरूष मुख्य रूप से उपस्थित थे.