सोहराब आलम/न्यूज़11 भारत
बिहार/डेस्क: भारत नेपाल सीमा पर उस वक्त तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, जब एसएसबी की 47वीं बटालियन ने रक्सौल स्थित मैत्री पुल के पैदल यात्री फुटपाथ पर नया पोस्ट बनाने का काम शुरू किया. यह क्षेत्र भारत के लैंड कस्टम कार्यालय के अंतर्गत आता है. निर्माण कार्य शुरू होते ही कस्टम विभाग ने कड़ा ऐतराज जताया और मौके पर पहुंचकर निर्माण रोकने की कोशिश की.
कस्टम विभाग ने जताई आपत्ति, एफआईआर के लिए दिया आवेदन
कस्टम अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि लैंड कस्टम क्षेत्र में किसी भी अन्य एजेंसी को बिना अनुमति के स्थायी निर्माण अथवा तैनाती का अधिकार नहीं है. बावजूद इसके, बड़ी संख्या में एसएसबी जवान मौके पर पहुंचे और सुरक्षा घेरे में निर्माण कार्य जारी रखा गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कस्टम विभाग ने हरैया थाने को सूचना दी और अवैध निर्माण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन भी सौंपा है.
नेपाल ने भी जताया औपचारिक विरोध
भारत की इस कार्रवाई पर नेपाल ने भी कड़ा ऐतराज जताया. नेपाल के पर्सा जिले के एपीएफ डीएसपी लोकेंद्र बहादुर सूबा स्वयं मौके पर पहुंचे और इस निर्माण को भारत-नेपाल मैत्री संबंधों के विरुद्ध बताया. उन्होंने भारत की इस गतिविधि पर औपचारिक विरोध दर्ज कराया. तीन देशों की एजेंसियों में हुई लंबी बातचीत, लेकिन नहीं निकला समाधान घटनास्थल पर पहुंचे एसएसबी असिस्टेंट कमांडेंट दिव्यांशु चौहान, नेपाल एपीएफ के डीएसपी और भारत के कस्टम अधिकारियों के बीच लंबी बातचीत हुई, लेकिन किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका. इस दौरान दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों पर अडिग रहे.
पहले भी हटाया गया था पोस्ट
गौरतलब है कि 10 मार्च 2024 को गृह मंत्रालय के आदेश पर तत्कालीन एसएसबी आईजी पंकज दरार ने इस स्थान से एसएसबी का अस्थायी पोस्ट हटवाया था. इसके बाद से सिर्फ दो महिला कांस्टेबल की हेल्प डेस्क के रूप में सीमित तैनाती थी. अब दोबारा पोस्ट बनाने की कोशिश से विवाद और गहरा गया है. एसएसबी का पक्ष– “केवल अस्थायी पोस्ट” एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट दिव्यांशु चौहान ने कहा, भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा के लिहाज से एसएसबी को 15 किलोमीटर के दायरे में तैनात किया जाता है. हम यहां कोई स्थायी ढांचा नहीं, बल्कि सिर्फ अस्थायी पोस्ट बना रहे हैं, ताकि सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो सके. कस्टम आयुक्त ने प्रशासन को दी जानकारी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कस्टम आयुक्त मोहन कुमार मीणा ने बताया, एसएसबी द्वारा कस्टम क्षेत्र में अवैध निर्माण की जानकारी पूर्वी चंपारण के डीएम और एसपी को दे दी गई है. प्रशासन से हस्तक्षेप की अपेक्षा है.
फिलहाल सीमा पर तनाव बरकरार मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन की निगरानी में दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है. लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई समाधान नहीं निकल सका.