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रांची/डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए ताजा सीजफायर समझौते के कुछ घंटों बाद एक बार फिर सीमा पर तनाव लौट आया. जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात तक पाकिस्तान की ओर ओर से की गई उकसावे वाले कार्रवाई ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया हैं. नतीजन, कई राज्यों में ब्लैकआउट, रेड अलर्ट और हाई सिक्यूरिटी की स्थिति बनी रही.
जम्मू-कश्मीर में गोलियों की गूंज और ड्रोन की दस्तक
बीती शाम पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों अखनूर, राजौरी, आरएसपुरा और पलनवाला सेक्टर में फायरिंग की. हालांकि सेना की त्वरित कार्रवाई से कोई बड़ी क्षति नहीं हुई. इसके अलावा श्रीनगर और उधमपुर में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए, जिन पर भारतीय सेना ने एंटी-ड्रोन सिस्टम के जरिए तुरंत प्रतिक्रिया दी और सभी ड्रोन हमलों को विफल कर दिया गया. नगरोटा आर्मी बेस के पास संदिग्ध गतिविधियों की सूचना के बाद सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया हैं.
पंजाब में रेड अलर्ट और ब्लैकआउट
सीजफायर के बावजूद शनिवार को पंजाब के गुरदासपुर, फिरोजपुर, पठानकोट, होशियारपुर और जालंधर में ड्रोन देखे गए. अमृतसर में विशेष रुप से रेड अलर्ट जारी किया गया. रविवार सुबह करीब 4:29 बजे ब्लैकआउट की घोषणा की गई, जिसे एक घंटे बाद बिजली की आपूर्ति कर दी गई. प्रशासन ने लोगों को घरों में रहने और खिड़कियों से दूर रहने के निर्देश दिए हैं. पठानकोट और गुरदासपुर के सीमावर्ती गांवों में अब हालात सामान्य बताए जा रहे हैं.
राजस्थान में निगरानी, लेकिन स्थिति शांत
राजस्थान के सीमावर्ती जिलों जैसे जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में किसी संदिग्ध गतिविधि की खबर नहीं हैं. हालांकि सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर है और अंतरराष्ट्रीय सीमा और एयरस्पेस की निगरानी बढ़ा दी गई हैं.
गुजरात के कच्छ और रण क्षेत्र में ब्लैकआउट के बाद सामान्य हालात
गुजरात के कच्छ और तटीय रण क्षेत्र में शनिवार रात 7 बजे से ब्लैकआउट घोषित किया गया था, जिसे बाद में हटा लिया गया. द्वारका और कच्छ में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई हैं. राज्य मुख्यालय, गृह मंत्रालय और जिला प्रशासन ने एक उछ स्तरीय समीक्षा बैठक की. फिलहाल राज्य के सभी सीमावर्ती इलाकों में स्थिति सामान्य है लेकिन सतर्कता बरती जा रही हैं.
सेना पूरी तरह अलर्ट, हर स्थिति से निपटने को तैयार
सीजफायर के उल्लंघन के बावजूद भारत ने अपने रुख में कोई ढील नहीं दी हैं. सभी सीमावर्ती राज्यों में सेना, अर्धसैनिक बल और खुफिया एजेंसियों हाई अलर्ट पर हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना पूरी तरह तैयार है और देश की सीमाओं की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा.