जयदेव कुमार/न्यूज़11 भारत
पाकुड़/डेस्क: पाकुड़ ज़िलें के अमड़पाड़ा प्रखंड के डुमरचीर पंचायत के बड़ा बास्को गांव आज भी क्षेत्र में सड़क के अभाव में 2 किलोमीटर मुख्य सड़क तक खाट का सहारा लेना पड़ रहा है. फिर मुख्य सड़क से अस्पताल जाना पड़ता हैं एक ओर सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे करती है. झारखंड सरकार एक ओर जहां शहरों में फ्लाईओवर बना रही है, वहीं केंद्र सरकार बड़े-बड़े एक्सप्रेस हाइवे बना रही है. लेकिन झारखंड के पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड की कहानी अलग है. कई गांव आज भी विकास से कोसों दूर हैं. आज भी ग्रामीण पगडंडियों के सहारे चलने को विवश हैं. सड़क व पुल-पुलिया के अभाव में लोगों का जीना दूभर हो गया है. खासकर गांव में किसी की तबीयत खराब हो जाती है, तब उसको अस्पताल पहुंचाना मानो जंग जीतने के बराबर हो जाता अमड़ापाड़ा प्रखंड की ये हृदय विदारक तस्वीरें मन को विचलित कर रही हैं.
उन वादों के सामने ये दर्द की दास्तां बयां करती तस्वीरें झकझोर देती हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमड़ापाड़ा डुमरचीर पंचायत के बड़ा बास्को गांव के पिता कमला पहाड़िया के समक्ष बेटे की तबियत खराब होने से अस्पताल तक पहुंचाने की बड़ी समस्या सामने आ गयी. ये जानते थे कि गांव से दो किमी दूर मुख्य सड़क तक जाने के लिए संपर्क पथ नहीं रहने से उन्हें वाहन नहीं मिलेगा. जिसके बाद उसने अपने अन्य परिजनों व संबंधियों का सहयोग लिया और बेटे को खाट पर टांग इलाज के लिए निकल पड़े. उबड़-खाबड़ रास्ते से होते हुए बेटे को लेकर मुख्य सड़क तक पहुंचे उसके बाद उसे अस्पताल तक ले गए. जानकारी के अनुसार बड़ा बासको गांव तक जाने के लिए आज तक संपर्क पथ नहीं बना है. जिस कारण आज भी लोगों को खटिया पर लाद कर मरीजों को इलाज के लिए ले जाना पड़ता है.
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