प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: बरकट्ठा के लगनवा शिलाडीह गांव में एक हृदयविदारक घटना में विवाहिता संगीता देवी (28 वर्ष) की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई. पुलिस को संगीता का शव उसके कमरे में खून से लथपथ अवस्था में मिला. इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है. संगीता की शादी छह साल पहले संटू सिंह से हुई थी. यह विवाह प्रेम विवाह था, जो संगीता ने अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध जाकर किया था. शादी के एक साल बाद, संगीता ने एक पुत्र को जन्म दिया.
इसके कुछ समय बाद संटू सिंह काम के सिलसिले में दूसरे राज्य चला गया और तब से वह वापस नहीं लौटा. संगीता को उसके ससुराल वालों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जाता था. संगीता के मायके वालों के अनुसार, संगीता ने कई बार इस प्रताड़ना की शिकायत पुलिस और संबंधित अधिकारियों से की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. घटना की जानकारी मिलने पर संगीता के मायके के लोग, जो ग्राम चिगलाबार कोडरमा से हैं, तुरंत लगनवा पहुंचे.
संगीता की मां कुसुमदेव देवी ने बताया कि उसकी बेटी को उसके ससुराल वालों ने मारा है और उसके शव को घर में छोड़कर फरार हो गए हैं. संगीता के पिता केदार राणा ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या गला रेत कर की गई है.घटना के बाद से संगीता के ससुर राजेंद्र सिंह और सास माला देवी घर से फरार हैं. पुलिस ने संगीता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग भेज दिया है और मामले की गहन जांच कर रही है. संगीता के परिवार ने ससुराल वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज में घरेलू हिंसा और महिला प्रताड़ना की एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है. संगीता जैसी कई महिलाएं इस तरह की हिंसा का शिकार होती हैं और अक्सर इनकी आवाज अनसुनी रह जाती है.
समाज और प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से सोचने और ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रेम विवाह करने वाली महिलाओं को आज भी हमारे समाज में स्वीकार्यता नहीं मिल पाती है और क्या उनके साथ न्याय सुनिश्चित करना हमारी व्यवस्था के लिए एक चुनौती बना हुआ है. पुलिस और न्याय प्रणाली की जिम्मेदारी है कि वह जल्द से जल्द इस मामले में सच्चाई सामने लाए और दोषियों को सजा दिलाए.