अरुण कुमार यादव/न्यूज़11 भारत
गढ़वा/डेस्क: गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड के दुलदुलवा गांव की तस्वीर धीरे-धीरे बदल रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध शराब के कारोबार को यहां के लोगों ने छोड़ना शुरू कर दिया है. सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार पांडेय ने लगभग 2 सप्ताह पूर्व इस गांव की इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए न केवल लगातार दंडात्मक कार्रवाई की, बल्कि जिला और प्रखंड से लेकर पंचायत तक के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस गांव पर फोकस करने के लिए ध्यान दिलाया.
एसडीएम संजय कुमार पांडेय ने दुलदुलवा गांव की कायापलट करने को स्वैच्छिक रूप से गोद लिया है. उन्होंने यहां के बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं से अलग-अलग संवाद करने का प्रयास किया. सभी को प्यार से समझाया कि अवैध शराब का धंधा उस गांव के लोगों के जन स्वास्थ्य के लिए तो खतरनाक है ही, पूरे अनुमंडल क्षेत्र के लिए विधि व्यवस्था के लिए भी अहितकर है, इसलिए इस गांव के बच्चों के भविष्य के लिए यह अनैतिक कार्य तुरंत छोड़ने योग्य है. एसडीएम द्वारा इस गांव में नियमित दंडात्मक कार्रवाई एवं यहां के सभी आयु वर्ग के लोगों की स्नेह भरी काउंसलिंग के चलते यहां के काफी लोग अब शराब के अवैध कारोबार से दूरी बनाना शुरू कर दिए हैं. इस गांव को गोद लेने के बाद शायद कोई दिन ऐसा नहीं गया जिस दिन संजय कुमार पांडेय या तो दुलदुलवा नहीं गए हों या फिर वहां के लोगों से दूरभाषिक संवाद ना किया हो. हमेशा की तरह गुरुवार को उन्होंने दुलदुलवा के देवी धाम स्थित पीपल पेड़ के नीचे चबूतरे पर चौपाल लगाई, इसमें लगभग 100 ग्रामीणों ने भाग लिया. इस दौरान उन्होंने न केवल ग्रामीणों के. बीच नशा कारोबार त्यागने को लेकर काउंसलिंग दोहराई, बल्कि एक-एक व्यक्ति से उसकी निजी समस्याएं सुनी गई. लोगों से सुझाव भी लिए गए.संजय कुमार पांडेय ने कहा कि गांव के जो लोग अवैध शराब का धंधा छोड़ रहे हैं उन्हें ब्रांड एंबेसडर के रूप में प्रस्तुत करते हुए उनसे गांव में शराब के विरुद्ध माहौल बनवाने की कोशिश होगी.
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को प्रशासन के स्तर से सम्मानित भी किया जाएगा.अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि पिछले सप्ताह दुलदुलवा के पंचायत भवन में 200 से अधिक ग्रामीणों की मौजूदगी में प्रखंड अंचल और पंचायत से जुड़े अधिकारियों के द्वारा वैकल्पिक व्यवसाय को लेकर विभिन्न सुझाव दिए गए थे, साथ ही उन्हें ऋण सब्सिडी एवं अन्य जानकारी के बारे में विस्तार से बताया गया था. उन्होंने कहा कि लोगों को आश्वस्त किया जा रहा है कि यदि वे इस अनैतिक कारोबार को छोड़कर कोई अन्य स्टार्टअप या व्यवसाय करना चाहते हैं तो उन्हें सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं के अनुरूप नियमानुसार समन्वयात्मक सहयोग प्रदान किया जाएगा.इस गांव के लोग पहले पुलिस या किसी सरकारी गाड़ी को देखकर भाग खड़े होते थे, वे कभी भी प्रशासनिक अधिकारियों का सामना नहीं कर पाते थे, किंतु अब उन्हें लगने लगा है कि ये प्रशासनिक पदाधिकारी उनके गांव की भलाई चाहते हैं इसलिए बार-बार वहां आकर उनको समझाने बुझाने का काम कर रहे हैं. शायद यही वजह है कि अब एसडीएम की गाड़ी पहुंचते ही पूरे गांव के लोग शांतिपूर्ण तरीके से उनके पास आकर और साथ बैठकर बातें करते हैं और एसडीएम की नशा विरोधी मुहिम में सहयोग करने का दिल से वचन भी देते हैं. गांव के लोगों में यह व्यहारात्मक बदलाव प्रशासन के प्रति उनके बड़े हुए भरोसे का प्रतीक है.
इतना ही नहीं गांव वालों को अब इस बात का भी भरोसा हो गया है कि यदि अभी भी शराब का धंधा नहीं छोड़ा तो प्रशासन अब ज्यादा गम्भीरता से दंडात्मक कार्रवाई करेगा.एसडीएम में बताया कि गांव में विभिन्न प्रकार की समस्याएं व्याप्त हैं नशाखोरी के चलते स्वास्थ्य समस्या सबसे बड़ी समस्या है किंतु इसकी अलावा राशन कार्ड आवास पेंशन आदि की समस्याएं भी जानकारी में आई है इन सभी मुद्दों को लेकर गांव में ही कैंप लगाकर समाधान की दिशा में प्रयास किया जाएगा.संजय कुमार पांडेय ने बताया कि जल्द ही उपायुक्त गढ़वा शेखर जमुआर, एसपी दीपक पांडेय सहित जिले के वरीय पदाधिकारी भी दुलदुलवा गांव जाकर लोगों के साथ संवाद कर न केवल उनकी काउंसिलिंग करेंगे बल्कि उनकी समस्यायें भी सुनेंगे.