अरुण कुमार यादव/न्यूज़11 भारत
गढ़वा/डेस्क: देशभर में भाजपा पार्टी के निर्देश पर भाजपा की तिरंगा यात्रा आयिजित की जा रही है. इसे लेकर झर्कह्न्द मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने तंज कसते हुए कहा कि तिरंगा यात्रा में गढ़वा जिले में बड़े भाजपा नेताओं ने आईना दिखाया है. यहां तिरंगा यात्रा का दृश्य कुछ और ही रहा. भाजपा द्वारा आयोजित इस कार्यक्त्रम में भाजपा के ही कई बड़े नेता नहीं आये. इसमें गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी, पलामू सांसद बीडी राम शामिल है. यह दोनों भाजपा के तिरंगा यात्रा में शामिल नहीं हुए. यही नहीं इनके अलवा भवनाथपुर-विश्रामपुर के पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही और रामचंद्र चंद्रवंशी भी इस यात्रा में शामिल नहीं हुए. ऐसे में इनकी अनुपस्तिथि में विपश ने तीखे सवाल खड़े किये है.
झारखंड मुक्ति राष्ट्रवाद के नाम पर मोर्चा के केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने भाजपा के जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर करारा तंज कसते हुए कहा, "भाजपा के सांसद-विधायक सिर्फ़ ढोंग करना जानते हैं. इसकी कारण देश के सम्मान के आयोजित इस कार्यक्रम में वह शामिल नहीं हुए. जो खुद को बड़ा नेता मानते हैं, वो आम कार्यकर्ताओं के साथ चलने में परहेज़ करते हैं. एसी कमरों से बाहर आना उन्हें मंजूर नहीं.धीरज दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा जिन दलबदलू नेताओं को टिकट देती है, वे चुनाव जीतने के बाद जनता से कट जाते हैं और अपने स्वार्थ को प्राथमिकता देने लगते हैं. भाजपा ऐसे नेताओं को बढ़ावा देती है जो झूठे, मक्कार, और अवसरवादी होते हैं. पार्टी में टिकट अब संघर्ष से नहीं, बल्कि पैसे के दम पर बिकता है."
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "राजस्थान में भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य तिरंगा यात्रा के दौरान तिरंगे से नाक पोंछते नज़र आए. इससे पता चलता है कि भाजपा के कुछ नेताओं के लिए तिरंगा केवल दिखावे का साधन बनकर रह गया है."
धीरज दुबे ने भाजपा की टिकट वितरण नीति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "पार्टी में संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया जाता है और ऐसे नेताओं को टिकट मिलता है जो पहले जेवीएम, एनएसएम या यहां तक कि आरजेडी में रह चुके हैं. संघर्ष तो कार्यकर्ता करता है, लेकिन टिकट मिलता है दल-बदलू को. यही भाजपा की सच्चाई है,गढ़वा के कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी निजी रूप से नाराज़गी जताई है कि जब पार्टी के शीर्ष नेता ही ऐसे आयोजनों में नहीं आते, तो कार्यकर्ताओं में उत्साह कैसे बना रहेगा? एक युवा कार्यकर्ता ने कहा, “तिरंगा यात्रा सिर्फ कैमरे और सोशल मीडिया के लिए नहीं होनी चाहिए. जब सांसद और विधायक ही नहीं आएंगे, तो आम जनता में क्या संदेश जाएगा?"