संतोष श्रीवास्तव /न्यूज़ 11भारत
पलामू /डेस्क: छतरपुर प्रखंड क्षेत्र की चराई पंचायत में शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को एक दिवसीय राजस्व शिविर का सफल आयोजन किया गया. अंचलाधिकारी उपेंद्र कुमार के कुशल नेतृत्व में आयोजित इस शिविर में सुबह से ही ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा, जिससे आयोजन स्थल पर जनसैलाब का नजारा देखने को मिला. लोगों की भारी भीड़ यह दर्शाती है कि ऐसे शिविरों की ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी आवश्यकता है.
विभिन्न राजस्व कार्यों का त्वरित निष्पादन
इस शिविर का मुख्य उद्देश्य स्थानीय ग्रामीणों की राजस्व संबंधी समस्याओं का त्वरित और प्रभावी ढंग से समाधान करना था. कैंप में विभिन्न प्रकार के राजस्व कार्यों को निपटाया गया, जिनमें प्रमुख थे:
- रसीद काटने का कार्य: ग्रामीणों की भूमि से संबंधित लंबित लगान रसीदों को तत्काल काटा गया, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी हुई.
- एलपीसी (Land Possession Certificate) का वितरण: भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र यानी एलपीसी के आवेदनों का सत्यापन कर मौके पर ही प्रमाण पत्र जारी किए गए.
- चेक स्लिप और नामांतरण: जमीन की खरीद-बिक्री या विरासत से जुड़े नामांतरण (Mutation) के आवेदनों की जांच कर उन्हें आगे बढ़ाया गया. उत्तराधिकारी नामांतरण के मामलों पर भी विशेष ध्यान दिया गया.
- जाति एवं निवास प्रमाण पत्र: विभिन्न सरकारी योजनाओं और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए आवश्यक जाति और निवास प्रमाण पत्रों के आवेदनों को स्वीकार कर यथासंभव जारी किया गया.
- पंजी टू में सुधार: भूमि रिकॉर्ड से संबंधित पंजी टू में दर्ज त्रुटियों को सुधारने के लिए भी आवेदन लिए गए और उनका निराकरण किया गया.
- जमीन विवादों का निपटारा: कई छोटे-मोटे जमीन संबंधी विवादों को भी अंचलाधिकारी और उनकी टीम ने मौके पर ही सुलझाने का प्रयास किया, जिससे ग्रामीणों को न्यायालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिली.
सहयोगात्मक माहौल में समपन्न हुआ शिविर
इस महत्वपूर्ण शिविर के दौरान अंचल के सभी कर्मचारी अपनी पूरी मुस्तैदी के साथ मौजूद रहे. राजस्व कर्मचारियों के अलावा, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी और स्थानीय चौकीदार भी उपस्थित थे. चराई पंचायत के मुखिया और अन्य ग्रामीण प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने शिविर को और अधिक व्यवस्थित और सफल बनाने में मदद की. ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना की, क्योंकि इससे उन्हें अपने राजस्व संबंधी कार्यों के लिए बार-बार प्रखंड कार्यालय के चक्कर काटने से मुक्ति मिली और समय व पैसे दोनों की बचत हुई. यह शिविर सरकारी सेवाओं को लोगों के द्वार तक पहुंचाने की दिशा में एक सफल कदम साबित हुआ.