प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत
बरवाडीह/डेस्कः बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय में भाकपा माले और आदिवासी संघर्ष मोर्चा के संयुक्त बैनर तले आज ऐतिहासिक हुल दिवस धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम की अगुवाई माले जिला सचिव कॉमरेड बिरजू राम, प्रखंड सचिव कॉमरेड राजेंद्र सिंह एवं आदिवासी संघर्ष मोर्चा के प्रखंड प्रभारी कृष्णा सिंह ने की.कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा माले प्रखंड सचिव राजेंद्र सिंह ने की.
कार्यक्रम की शुरुआत पुराने ब्लॉक परिसर से जुलूस के रूप में हुई, जिसमें सैकड़ों लोग “हुल दिवस जिंदाबाद, सिद्धू-कान्हू अमर रहें, जल-जंगल-जमीन की लूट बंद करो, दलित-आदिवासी पर दमन बंद करो, 9 जुलाई भारत बंद सफल करो” जैसे नारों के साथ बरवाडीह बाजार में मार्च करते हुए पुनः ब्लॉक परिसर पहुंचे. जहाँ सिद्धू-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो सहित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और वीर बिरसा मुंडा की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उपस्थित लोगों ने 1855 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बलिदान देने वाले हजारों आदिवासी योद्धाओं के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया. सभा को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव कॉमरेड बिरजू राम ने कहा कि हुल दिवस केवल एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि शोषण और दमन के खिलाफ संघर्ष की प्रेरणा है. उन्होंने कहा कि "सिद्धू-कान्हू के नेतृत्व में 30 जून 1855 को संथाल परगना के भोगनाडीह गांव से शुरू हुआ यह आंदोलन जल-जंगल-जमीन की रक्षा और अत्याचार के खिलाफ जनविद्रोह था. आज उसी तरह देश में मोदी सरकार संविधान और लोकतंत्र पर हमला कर कॉरपोरेट के पक्ष में दलित-आदिवासियों का दमन कर रही है." कॉमरेड बिरजू राम ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार श्रम कोड को मजदूर विरोधी करार देते हुए 9 जुलाई को होने वाले भारत बंद में व्यापक भागीदारी की अपील की. आदिवासी संघर्ष मोर्चा के प्रखंड प्रभारी कृष्णा सिंह ने कहा कि "आज जरूरत है कि गांव-गांव में मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंका जाए." कार्यक्रम को माले नेता कमलेश सिंह, सुदामा राम, दुलार सिंह, रमेश कुमार, मंजू देवी, सुनीता मेहरा, लुरुक सिंह, पाणपति देवी और रसोइया संघ की सचिव रीना देवी समेत कई लोगों ने संबोधित किया.