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रांची/डेस्क: एक नवंबर को दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा. इस त्योहार में विदेश में कमाने गए लोग अपने घर लौटते हैं और घर पर ही इस त्योहार को मनाते हैं. यही कारण है कि ज्यादातर लोग दीपावली या दशहरा के आसपास अपने घर के लिए निकलते हैं, लेकिन इस बार 20 अक्टूबर से 10 नवंबर तक दिल्ली और मुंबई से आने-जाने वाली ट्रेनों में रिजर्वेशन फुल होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. रिजर्वेशन कराने के लिए रिजर्वेशन खिड़की पर लोगों की लंबी कतारें लगी हुई हैं.
बुंदेलखंड के बांदा जिले के करीब डेढ़ लाख लोग रोजी-रोटी और रोजगार के लिए दिल्ली, मुंबई, गुजरात जैसे महानगरों में जाते हैं लेकिन दिवाली और दशहरा के त्योहार पर वे अपने घर जरूर लौटते हैं. वे घर पर रहकर ही यह त्योहार मनाते हैं. जिले में बिहार और नेपाल के 50 हजार से अधिक मजदूर हैं, जो स्टोन क्रशर आदि उद्योगों में काम कर रहे हैं.
ये मजदूर भी हर साल दिवाली पर अपने घर वापस जाते हैं. ये लोग ट्रेनों के आरक्षित कोचों में डेढ़ महीने पहले से ही आरक्षण भी कराना शुरू कर देते हैं. इस बार भी आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनों में 20 दिन पहले से ही आरक्षण फुल हो गए हैं. 20 अक्टूबर से 10 नवंबर तक वेटिंग चल रही है. ऐसे में अपने-अपने घर जाने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
इस समय लोकमान्य तिलक से अयोध्या तुलसी एक्सप्रेस में 24 वेटिंग है. इसी तरह बरौनी से अहमदाबाद बरौनी एक्सप्रेस में 22, अहमदाबाद से बरौनी बरौनी एक्सप्रेस में 20, प्रयागराज से अंबेडकर नगर एक्सप्रेस में 19, दादर से गोरखपुर एक्सप्रेस में 10, बलिया से दादर एक्सप्रेस में 11, सूबेदारगंज से लोकमान्य टर्मिनल एक्सप्रेस में 22, हावड़ा से ग्वालियर चंबल एक्सप्रेस में 8, ग्वालियर से हावड़ा चंबल एक्सप्रेस में 06, रायपुर से लखनऊ गरीब रथ एक्सप्रेस में 10, प्रयागराज से निजामुद्दीन बुंदेलखंड एक्सप्रेस में 9, निजामुद्दीन से जबलपुर महाकौशल एक्सप्रेस में 23, जबलपुर से निजामुद्दीन महाकौशल एक्सप्रेस में 21 वेटिंग है.
अपने घर लौट रहे यात्रियों को अगर ट्रेन में आरक्षण नहीं मिलता है तो उनके पास परिवहन सेवाओं के अलावा कोई दूसरा साधन नहीं बचता है. इसलिए जो लोग अपने घर जाना चाहते हैं, वे बसों का सहारा ले सकते हैं. ट्रेनों में आरक्षण को देखते हुए रोडवेज यात्रियों की सुविधा के लिए मेला स्पेशल बसें चलाने की रणनीति बना रहा है. रेलवे का कहना है कि त्योहार के दौरान यात्रियों की भीड़ को देखते हुए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा सकती हैं.