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रांचीडेस्कः अयोध्या के भव्य राम मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 17 अप्रैल को पहली रामनवमी होगी. इस दिन रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणों से तिलक किया जाएगा. पहली रामनवमी को बेहद खास बनाने को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता है. रामजन्मोत्वस के दिन 17 अप्रैल को दोपहर के ठीक 12 बजे रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक किया जाएगा.
रामनवमी के दिन रामलला के मस्तक पर होने वाले सूर्य की किरणों से तिलक का ट्रायल भी पूरा हो गया है. पिछले आठ अप्रैल को किए गए इस सफल ट्रायल का वीडियो भी सामने आया है जिसमें रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणें पड़ते ही उनका मुखमंडल प्रकाशित हो उठा. यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. रामलला का सूर्य तिलक करने में कई वैज्ञानिक काफी दिनों पहले से ही जुटे हुए थे. श्रीरामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक के लिए राममंदिर में कई उपकरण लगाए जा गए हैं.
रिपोर्ट्स के मुकाबिक, 17 अप्रैल यानी रामनवमी के दिन रामलला के मस्तक पर होने वाला सूर्य तिलक 75मिली का गोलाकार तिलक होगा. इसके लिए कई उपरकण लगाए गए है जिसने माध्यम से रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी. सूर्य की ये तेज किरणें 4 मिनट तक लगातार रामलला के मुखमंडल की आभा बढ़ाएंगी. रामनवमी के दिन रामलला के सूर्य तिलक के इस आयोजन को सफल बनाने के लिए रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिक मिलकर काम कर रहे है.
जानकारी के मुताबिक, सूर्य तिलक के लिए मंदिर के भूतल पर 2 आईने (मिरर), एक लेंस लगाए जा चुके हैं. सूर्य की किरणें तीसरे तल पर लगे दर्पण पर टकराएगी और उसके बाद 3 लेंस और 2 दर्पणों से होते हुए भूतल पर लगाए गए आखिरी दर्पण पर गिरेगी. और इस दर्पण से परावर्तित होने वाली किरणों से श्रीरामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक बनेगा.