एलपीजी का कवरेज 62 फीसदी से बढ़ कर 104 फीसदी तक हुआ
न्यूज11 भारत
रांची: प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लागू हुए छह साल बीत गये हैं. इसको लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से रीलिज जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि उज्जवला योजना के तहत निर्धारित समय से सात महीने पहले आठ करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिये गये. सरकार द्वारा इस योजना में 12 हजार आठ सौ करोड़ रुपये खर्च किये गये. उज्जवला योजना के तहत स्टोव और रसोई गैस सीलिंडर की पहली रीफिल की लागत को कवर करने के लिए कर्ज भी दिया गया. इसका फायदा 6.24 करोड़ लाभार्थियों ने उठाया. एक अप्रैल 2021 को 99.8 फीसदी एलपीजी कवरेज भी हासिल किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने कहा कि हमारी बेटियां घर और रसोई से निकल कर राष्ट्र निर्माण में बेहतर योगदान तभी दे पायेंगी, जब वे रसोई से निकलेंगी. उज्जवला योजना ने देश के कई महिलाओं का जीवन रौशन किया है.
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कोविड-19 काल में 14 करोड़ लोगों को गरीब परिवारों को नि:शुल्क रीफिल दिया गया. महिलाओं के सम्मान और उनके सशक्तिकरण की कोशिशें की गयीं. योजना के तहत एक लाख लोगों को रोजगार दिया गया. उज्जवला योजना में 35 प्रतिशत अनुसूचित जाति, जनजाति महिलाओं को स्वच्छ इंधन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी. केंद्र सरकार के अनुसार जनभागीदारी से जरूरतमंदों को मिली एलपीजी सब्सिडी. एलपीजी सब्सिडी के गिव इट अप अभियान को भी देश भर में मिला भारी जन समर्थन. देश भर में एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने छोड़ी रसोई गैस से मिलनेवाली सब्सिडी. बीपीएल परिवारों की व्यस्क महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिया गया. इससे महिलाओं को सांस और वायु प्रदूषण से संबंधित रोगों से मुक्ति मिली. इस योजना से ही महिलाओं का जीवन आसान हुआ और एलपीजी कवरेज की वृद्ध 62 फीसदी से बढ़ कर जनवरी 2022 तक 104 फीसदी हो गयी.