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रांची/डेस्क: आजसू पार्टी ने गुरुवार को राज्य कैबिनेट से मंजूर प्रस्तावों में अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलने पर राज्य की हेमंत सरकार पर हमला बोला है. आजसू के के वरिष्ठ नेता प्रवीण प्रभाकर ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि झारखंड में मरीज खाट पर ढोए जा रहे हैं और सरकार है कि स्वास्थ्य सेवा की बदहाली को दूर करने के बजाय नाम बदलने की राजनीति में व्यस्त है. उन्होंने यह भी कहा कि अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलने से उसने ना सिर्फ झारखंड निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी का बल्कि नोबल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा का भी अपमान किया है. प्रभाकर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड निर्माण का रास्ता साफ किया. वनांचल की बजाय झारखंड नाम तक भी स्वीकार किया, ऐसी महान विभूति का अपमान करना सरकार को शोभा नहीं देता है.
प्रभाकर ने प्रेस वार्ता में झारखंड की स्वास्थ्य सेवा की बदहाली को भी उजागह किया. उन्होंने कहा कि विगत दिनों साहिबगंज में पहाड़िया जनजाति की युवती को एम्बुलेंस नहीं मिलने पर खाट पर 10 किमी अस्पताल लाया गया, जिसकी बेहतर इलाज के अभाव में मौत हो गई. यह तो है राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था. उन्होंने कहा कि झारखंड में सरकारी चिकित्सकों के लगभग 55 प्रतिशत पद रिक्त हैं. झारखंड में सरकारी चिकित्सकों के 3,691 पद स्वीकृत हैं. इसमें से 2,028 पद खाली पड़े हैं और सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दम्भ भर रही है.
प्रभाकर ने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि क्लीनिक का नाम बदलने की बजाय राज्य सरकार स्वास्थ्य से संबंधित बुनियादी ढांचा विकसित करने और चिकित्सकों की नियुक्ति पर ध्यान दे तो राज्य की गरीब जनता का भला होगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर मदर टेरेसा का सम्मान करना था तो उनके नाम पर कोई नई योजना शुरू कर उन्हें सम्मान दिया जा सकता था.