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रांची: आज मोदी सर की क्लास में देशभर के बच्चे लगा रहें है अपनी हाजिरी. देशभर में आयोजित इस ‘परीक्षा पे चर्चा’ 2023 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के स्टूडेंट्स से बातचीत कर आनेवाले एग्जाम को लेकर उनकी मुश्किलें हल करने के गुर बताते हैं. ये चर्चा सुबह 11 बजे दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में शुरू हो गई है.
'परीक्षा पे चर्चा' में पीएम मोदी देशभर के स्टूडेंट्स, टीचर्स और पैरंट्स से बात कर रहे हैं. मोदी इन स्टूडेंट्स को 'एग्जाम वॉरियर्स' का नाम दिया है. मालूम हां कि हर साल पीएम मोदी के बताए टिप्स पर इसी नाम से एक किताब भी छपती है जिसका कई भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन किया जाता है.
इस बार 'परीक्षा पे चर्चा' के लिए सबसे ज्यादा 38.80 लाख प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. इस चर्चा में पीएम मोदी ने बच्चों और अभिभावको से बातचीत कर समझाया कि जब आप अच्छे मूड में होते हैं तब आपके माता-पिता प्यार से आपको समझाते हैं तब आपको अच्छा लगता है.
आज मां-बाप के टाइम नहीं है वे आलोचना नहीं करते हैं टोका-टोकी करते हैं. इसलिए आपको गुस्सा आता है. टोका-टोकी आलोचना नहीं है वहीं मोदी ने कहा मां-बाप से आग्रह करूंगा कि कृपा करके आप अपने बच्चों की भलाई के लिए टोका-टोकी के चक्कर से बाहर निकलिए। उससे आप बच्चो की जिंदगी को मोल्ड नहीं कर सकते हैं.
बता दें मोदी ने 2018 में पहली बार ‘परीक्षा पे चर्चा’कार्यक्रम के तहत छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद किया था. पहले साल जहां केवल 22,000 प्रतिभागियों का पंजीकरण हुआ, वहीं इस बार यह संख्या 38 लाख से भी ज्यादा है. 2022 की तुलना में यह संख्या दोगुने से भी ज्यादा है.
मोदी सर ने दिए अलोचनाओं से न घबराने के टिप्स
इस चर्चा में एक तरफ जहां विद्यार्थियों ने कई तरह के सवाल पूछे तो वहीं कई छात्रों ने पीएम मोदी की मीडिया और विपक्ष के आलोचना से बचने के तरीके भी पूछ डाले. इसपर पीएम मोदी ने उन छात्रों की चुटकी लेते हुए कहा कि आप जो कहना चाहते हैं उससे मुझे भी जोड़ दिया. शायद आपको मालूम था कि आपके परिवार वाले भी सुन रहे हैं, इसलिए बड़ी चतुराई से आपने मुझे भी लपेट लिया है.
देखिए जहां तक मेरा सवाल है. मेरा एक कनविक्शन है. मेरे लिए ये फेथ है कि मैं सिद्धांत से मानता हूं समृद्ध लोकतंत्र के लिए आलोचना एक शुद्धि यज्ञ है. आलोचना एक समृद्ध लोकतंत्र की पूर्व शर्त है. इसलिए हर कोई कमियों से मुक्ति चाहता है. कभी-कभी लगता है कि आलोचना करने वाला कौन है, उसपर निर्भर करता है.
अगर आपका प्रिय दोस्त अगर आपकी आलोचना करता है तो आपका रिएक्शन थोड़ा अलग होगा. कोई एक अन्य लड़का आपकी आलोचना करता है तो आपको बुरा लगता है. जो अपना है वो कहता है तो आपको बुरा नहीं लगेगा, लेकिन जो दूसरा है जिसे आप नहीं मानते हैं तो उसकी आलोचना बुरी लगेगी. आलोचना करने वाले आदतन करते हैं. उसको बक्से में डाल दीजिए. क्योंकि उनका इरादा कुछ और है. घर में आलोचना नहीं होती है, ये दुर्भाग्य का विषय है. आलोचना करने के लिए मां-बाप को भी बहुत अध्ययन करना होता है.
नकल से मार्क्स ज्यादा आ भी जाएं तो कोई फायदा नहीं
आगे पीएम मोदी ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि छात्र नकल रोकने की चर्चा कर रहे हैं. परीक्षा में चोरी की चर्चा करते हुए कहा कि पहले भी चोरी तो करते होंगे लोग, नकल करते होंगे लेकिन अब तो बड़े गर्व से कहते हैं कि सुपरवाइजर को बुद्धू बना दिया. पीएम ने कहा कि शिक्षा के मूल्यों में जो बदलाव आया है वो बहुत खतरनाक है.
इसलिए समाज के रूप में हमें सोचना होगा. कुछ स्कूल या कुछ ऐसे टीचर्स जो ट्यूशन क्लासेज चलाते हैं उनको भी लगता है कि मेरा छात्र अच्छे तरीके से निकल जाए क्योंकि मैंने उसके मां बाप से पैसे लिए हैं. वो भी गाइड करते हैं छात्र को नकल करने के लिए. पीएम मोदी ने कहा कि नकल से जिंदगी नहीं बन सकती है.
हो सकता है मार्क्स तो ज्यादा ले आए लेकिन आगे क्या होगा. पीएम मोदी ने सलाना परीक्षा की चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि ये उनके लिए भी एक तरह की परीक्षा ही है. उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत आती है कि परीक्षा की चर्चा काफी लंबा चलती है. चलिए इसबार हम देखते हैं इसे कैसे करना है.