न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: चुनाव आयोग बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. देश में हो रहे चुनावों में चुनाव आयोग पर लग रहे धांधली के आरोपों के बीच उसने फैसला किया है कि बिहार में वह बड़े पैमाने पर मतदाता सूची का पुनरीक्षण करायेगा. चुनाव आयोग वोटर लिस्ट में फर्जी नामों की भी गहन जांच करेगा. फर्जी तरह से जिनके नाम मतदाता सूची में होंगे उन्हें बाहर भी किया जायेगा और किसी कारण से कोई पात्र मतदाता छूट गया है तो उसका नाम शामिल किया जायेगा.
बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव के बाद कांग्रेस और उनके शीर्ष नेता राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर ही धांधली का आरोप लगा रहे हैं और बार-बार उनसे उसकी पारदर्शिता का प्रमाण भी मांग रहे हैं. कांग्रेस की देखा-देखी दूसरी पार्टियां भी चुनाव आयोग के कटघरे में ले रही हैं और मतदाता सूची में गड़बड़ी से लेकर चुनाव-प्रक्रिया पर भी चिंता जता रही हैं. इन्हीं आरोपों के बीच आयोग चाहता है कि यह स्थिति बिहार में न उत्पन्न हो, इसलिए कह भी रही है कि मतदाता सूची को पूरी तरह से पारदर्शी बनाना उसकी प्राथमिकता है.
चुनाव आयोग के पास इस समय जो जानकारी है उसके अनुसार, बिहार में 2024 में करीब 50 लाख लोगों ने अपने पते बदला, करीब 2.5 करोड़ लोगों ने अन्य तरह के सुधार करवाये, 30 लाख से अधिक लोगों ने तो पहचान पत्र बदलवाया है.
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में जो गड़बड़ी रह जाती है, उसका कारण भी स्पष्ट किया है. आयोग के अनुसार, परिवार के लोग अक्सर मृत लोगों के नाम सूची से हटवाते नहीं है. 18 साल का हो जाने के बाद भी उसका नाम सूची में चढ़वाते नहीं है. मतदाता पहचान पत्र बन जाने के बाद उसमें बार-बार सुधार करवाने से भी परेशानी होती है. मतदाता सूची तैयार करवाने में राजनीतिक दलों का अपेक्षित सहयोग भी नहीं मिलता है. इन सब कारणों को देखते हुए चुनाव आयोग ने यह तक किया है कि वह घर-घर जाकर मतदाताओं की समस्याओं के अनुसार, मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्रों की गहनता से जांच करेगा.